21 सितंबर से फिर से स्कूलों में दिखेगी रौनक, पढें पूरी ख़बर
कोरोना वायरस आउटब्रेक के कारण सभी पब्लिक स्थान बंद कर दिए गए थे उनमें स्कूल और काॅलेज भी शामिल थे. अनलाॅक की प्रक्रिया के साथ सार्वजनिक स्थानों को खोलने की प्रक्रिया भी शुरू हुई. मेट्रो, रेस्तराँ तथा जिम जैसे स्थानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है. साथ ही स्कूल्स को 21 सितम्बर से खोलने की मंजूरी दे दी है.
दरअसल हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कक्षाओं में शिक्षण गतिविधियों के संचालन के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे ने रविवार को अपने ट्विटर हैंडल पर दिशा-निर्देशों की एक तस्वीर शेयर की थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किया, उच्च शिक्षा संस्थानों ने 21 सितंबर से प्रयोगशाला कार्य की आवश्यकता वाले तकनीकी कार्यक्रमों में पाठ्यक्रम आयोजित किए हैं.
बता दें दिशानिर्देशों के अनुसार, कुर्सियों, डेस्क के बीच 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करने के लिए बैठने की व्यवस्था की जानी चाहिए. इडलाइन्स में कहा गया है कि कक्षा में गतिविधिया अलग-अलग समय पर होंगी, पर्याप्त शारीरिक दूरी होगी और क्लारूम में अच्छे से साफ सफाई होनी चाहिए. इसके अलावा अकेडिमिक श्ड्यूल में क्लासरूम टीचर और ऑनलाइन होने वाली पढ़ाई का मिला-जुला समय निर्धारित होना चाहिए. शिक्षकों को ये सुनिश्चित करना होगा कि वे और छात्र शिक्षक गतिविधियों के दौरान मास्क लगा कर रखें. छात्रों के बीच लैपटॉप, नोटबुक, स्टेशनरी जैसी वस्तुओं को साझा करने की अनुमति नहीं होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा 8 सितंबर को कक्षा 9 से 12 वीं के छात्रों के लिए स्वैच्छिक आधार पर मार्गदर्शन लेने के लिए स्कूलों के आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई थी.
जानकारी के लिए बता दें एसओपी गृह मंत्रालय के उन 4 दिशानिर्देशों का पालन करता है जो 1 सितंबर से लागू हुए थे. गृह मंत्रालय ने कहा था कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक समय में 50 प्रतिशत तक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को 21 सितंबर से ऑनलाइन शिक्षण या टेली-काउंसलिंग और संबंधित कार्य के लिए स्कूलों में बुलाया जा सकता है. इसमें आगे कहा गया है कि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए, स्वैच्छिक आधार पर, केवल एक जोन के बाहर के क्षेत्रों में, अपने स्कूलों में जाने की अनुमति दी जा सकती है और यह उनके माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति के अधीन करना होगा. कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के छात्रों के पास अभिभावक की लिखित अनुमति होनी चाहिए जिसके बाद ही विद्यार्थी शारीरिक रूप से कक्षाओं में भाग ले सकते हैं.
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि बार-बार छुई गई सतहों (डॉर्कनॉब्स, एलेवेटर बटन, हैंड्रिल, कुर्सियां, बेंच, वॉशरूम फिक्स्चर इत्यादि) की सफाई और नियमित कीटाणुशोधन (1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग) सभी कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, लॉकर में अनिवार्य किया जाएगा. और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा.