कोरोना महामारी की दूसरी लहर बहुत खतरनाक साबित हो रही है। रोजाना ही कोई ना कोई बुरी खबर सुनने को मिल ही जाती है, जिसको जानकर मन बहुत दुखी हो जाता है। टीवी, अखबारों में सभी जगह कोरोना से जुड़ी हुई खबरें पढ़ने, सुनने और देखने को मिल रही हैं। रोजाना ही सैकड़ों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि करोना ने कई लोगों की जिंदगी भी छीन ली है। ऐसे कई परिवार हैं जिनके सदस्य कोरोना की वजह से दुनिया छोड़कर चले गए हैं। खबरों को सुनकर लोगों के मन में डर बढ़ता ही जा रहा है।
आज हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो आपको राहत दे सकती है। जी हां, उड़ीसा के भुवनेश्वर से एक ऐसी खबर आई है कि यहां के एक अस्पताल में भर्ती महज 25 दिन की बच्ची ने खतरनाक कोरोना वायरस को मात दे दी है। यह मासूम गुड़िया 10 दिनों तक वेंटिलेटर पर रही। जिन डॉक्टरों ने इस बच्ची का इलाज किया है वह खुद इसे चमत्कार मान रहे हैं।
खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि उड़ीसा के भुवनेश्वर में एक बच्ची कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थी. जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बच्ची की उम्र सिर्फ 25 दिन की है और इतनी छोटी सी उम्र में इसकी हिम्मत आपको हैरान कर सकती है। जी हां, यह नन्ही सी जान 10 दिनों तक कोरोना से जंग लड़ती रही और आखिर में इसने कोरोना को मात दे दी। सबसे आश्चर्य चकित कर देने वाली बात यह है कि इस बच्ची की हालत बहुत नाजुक थी। इसको वेंटिलेटर पर रखा गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, इस बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर अरिजीत महापात्रा का ऐसा बताना है कि इस बच्ची ने तीन हफ्तों तक कोरोना से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ी लेकिन सुकून इस बात का है कि अंत में बच्ची ने करोना को हरा दिया और बुधवार को इसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
आपको बता दें कि यह छोटी सी बच्ची कालाहांडी जिले से है और इसे बुखार, सांस लेने में तकलीफ आदि जैसी समस्याएं होने लगी तब इसको इस अस्पताल में रेफर किया गया था और बच्ची को आईसीयू में भर्ती कराया गया। बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों को इसके मल्टीऑर्गन फेल होने की आशंका लग रही थी।
डॉ अरिजीत महापात्रा ने यह बताया कि बच्ची के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी कोविड पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को दूसरे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने आगे बताया कि “डॉक्टरों ने सबसे पहले बच्ची का आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया और वह कोविड पॉजिटिव निकली। बच्ची के इलाज के दौरान उसे रेमडेसिवीर, स्टेरॉइड्स और अन्य एंटीबायोटिक दवाई दी गई थी। बच्ची की हालत बहुत नाजुक थी जिसको देखते हुए उसे 10 दिनों के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया था। इस नन्ही सी जान ने बहुत कुछ सहन किया लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। 3 हफ्ते के इलाज के बाद इस छोटी सी बच्ची ने कोरोना से जंग जीत ली।