30 वर्षीय लड़की ने ठाकुरजी से रचाई शादी, ऐसा क्या हुआ जो पूजा को करनी पड़ी भगवान कृष्ण से शादी?
आप सभी लोगों ने मीराबाई की कहानी तो सुनी ही होगी। मीराबाई ने अपने पति के रूप में भगवान कृष्ण जी को जब स्वीकार किया, तो आजीवन उनकी बनकर रह गई। कृष्ण भक्त मीरा ने कृष्ण को ही अपना सबकुछ मान लिया था। समाज, घर, परिवार सब कुछ त्याग कर मीरा कृष्ण में लीन हो गई थी। आज भी मीरा का भक्ति भाव हर कोई याद करता है। वहीं अगर इस कलयुग में भी मीरा की तरह कोई मिल जाए और कृष्ण जी से शादी कर ले तो आप क्या कहेंगे। दरअसल, जयपुर से एक मामला सामने आया है, जहां की पूजा सिंह ठाकुर जी की दुल्हन बन गई।
जी हां, 30 वर्षीय पूजा सिंह ने कृष्ण भगवान से शादी कर सबको हैरत में डाल दिया। पूजा ने अपने हाथों में उन्हीं के नाम की मेहंदी रचाई। मांग में सिंदूर भरा और विवाहिता हो गई। पूजा के द्वारा लिया गया शादी का यह अनूठा फैसला इस वजह से था, क्योंकि वह पूरी जिंदगी अविवाहित नहीं रहना चाहती थी और किसी पुरुष के साथ सामान्य तरीके से शादी नहीं कर पाने के कारण पूजा की सोच है। पूजा ने इसे मीडिया से बातचीत के दौरान साझा किया है।
नरसिंहपुरा के मंदिर में ठाकुरजी के साथ की शादी
आपको बता दें कि 30 वर्षीय पूजा गोविंदगढ़ के पास नरसिंहपुरा गांव की रहने वाली है। पूजा ने राजनीतिक विज्ञान में MA तक की पढ़ाई की है। पूजा के पिता का नाम प्रेम सिंह है, जो मध्य प्रदेश में सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। पूजा के तीन छोटे भाई अंशुमान, शिवराज और युवराज सिंह स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई कर रहे हैं। पूजा सिंह ने नरसिंहपुरा के मंदिर में ठाकुरजी के साथ विवाह कर सबको हैरत में डाल दिया। इस शादी में मेहंदी, वरमाला से लेकर कन्यादान और विदाई तक की सारी रस्मों को निभाया गया। दुल्हन की तरह पूजा सिंह सजी लेकिन पूजा की शादी में उसके पिता नहीं आए थे। ऐसी स्थिति में मंडप में उनकी जगह तलवार को रखा गया। ठाकुरजी से शादी करने का फैसला खुद पूजा सिंह ने लिया है।
पूजा पर किसी का कोई दबाव नहीं रहा लेकिन शुरुआत में पूजा के द्वारा लिए गए इस फैसले पर परिवार, रिश्तेदार और समाज सहमत नहीं हुआ था। वहीं पूजा के पिता भी काफी नाराज हो गए थे, जिसके चलते वह अपनी बेटी की शादी में नहीं आए। लेकिन पूजा की मां रतन कंवर ने अपनी बेटी के द्वारा लिए गए इस फैसले का सम्मान किया और खुद अपनी बेटी की शादी में मौजूद रहीं और उसकी धूमधाम से शादी करवाई। पिता के शादी में ना आने की वजह से पूजा सिंह काफी दुखी हुईं। उनकी मां ने ही माता-पिता की सारी रस्मों को निभाया।
पूजा ने ताउम्र किसी लड़के से शादी नहीं करने का लिया फैसला
मीडिया से बातचीत के दौरान पूजा ने यह बताया कि उसने बचपन से यह देखा है कि पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई झगड़ा होने लगता है, जिसकी वजह से रिश्ते भी टूट जाते हैं। पूजा कहती हैं कि कई मामलों में महिलाओं का पूरा जीवन ही बर्बाद हो जाता है। यह सब देखते और समझते हुए पूजा ने ताउम्र किसी लड़के से शादी ना करने का निर्णय लिया। जब पूजा शादी के लायक हो गई, तो उनके परिजनों ने कई रिश्ते देखें परंतु पूजा ने हर बार इंकार कर दिया था।
पूजा बताती है कि एक बार उन्होंने ननिहाल में यह देखा था कि तुलसी के पौधे का ठाकुरजी से विवाह करवाया गया था, तभी उन्होंने यह सोच लिया था कि जब तुलसी का विवाह ठाकुरजी से हो सकता है, तो मेरा क्यों नहीं? जब पूजा ने इस विषय में पंडित जी से पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसा संभव है। आप भी ठाकुरजी से शादी कर सकती हैं। पूजा के इस फैसले पर पापा राजी नहीं हुए लेकिन मां मान गई। पूजा की ठाकुर जी से शादी में मां के अलावा रिश्तेदार और सहेलियां शामिल हुए।
300 लोगों का बनवाया गया भोजन
मंदिर की सजावट की गई करीब। 300 लोगों का भोजन बनवाया गया। सामान्य शादी की सारी रस्में को निभाया गया। मंडप सजाया गया, मंगल गीत भी गाए गए। ठाकुरजी की ओर से खुद पूजा ने चंदन की मांग भरी। इसके अलावा गणेश पूजन, चाकभात, मेहंदी और सात फेरों तक की सारी रस्में निभाई गई। बता दें शादी में करीब 3 लाख खर्च किए गए।