8 साल का मासूम अपने 2 साल के भाई के शव को लेकर सड़क पर बैठा रहा, वजह जानकर निकल जाएंगे आंसू
इंसानियत ही मनुष्य की पहचान है। हमारे भारत देश में कई तरह के धर्म हैं और लोग अपने धर्म का पालन करने के बारे में सोचते हैं। इसी के साथ लोगों को इंसानियत का पालन भी करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति किसी मुसीबत में है, तो इंसानियत के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम उस व्यक्ति की मदद करें और उसे उस मुसीबत से निकालें लेकिन आजकल के समय में मानो इंसान का दिल पत्थर का हो गया है। ऐसा लग रहा है कि लोगों में इंसानियत ही नहीं बची है।
आए दिन हमें ऐसे कई मामले देखने और सुनने को मिलते हैं जिन्हें जानने के बाद इंसानियत पर से भरोसा उठ जाता है। ऐसी कई इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें हम अक्सर देखते रहते हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जो हर किसी को अपने इंसान होने पर सोचने को मजबूर कर देगी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दृश्य को को देखने के बाद आपका मन भी विचलित हो जाएगा।
2 साल के छोटे भाई का शव गोद में लेकर सड़क पर बैठा 8 साल का मासूम
आज हम आपको मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के जिस दिल दहला देने वाले मामले के बारे में बता रहे हैं, यहां पर एक 8 साल का मासूम बच्चा अपने 2 साल के छोटे भाई के शव को 2 घंटे तक गोद में लेकर बैठा रहा। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। यह मामला मुरैना जिला अस्पताल का बताया जा रहा है।
जिला अस्पताल के बाहर 8 साल का बच्चा अपनी गोद में 2 साल के छोटे भाई के शव को लेकर सड़क के किनारे बैठा था। वहीं उधर इस बच्चे के पिता मृत बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की तलाश में भटक रहे थे। यह विचलित कर देने वाला दृश्य जिसने भी देखा उसकी आत्मा सिहर गई और उनकी आंखों से आंसू निकल आए।
शव ले जाने के लिए नहीं मिला कोई वाहन
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुरैना के अंबाह के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव शनिवार दोपहर 12:00 बजे के करीब अपने 2 साल के बेटे राजा को एंबुलेंस से अंबाह अस्पताल से रेफर करा कर जिला अस्पताल मुरैना लाए। एनीमिया और पेट में पानी भरने की बीमारी से ग्रसित राजा ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान ही अपने प्राण त्याग दिए।
अंबाह जिला से राजा को लेकर जो एंबुलेंस आई, वह तत्काल लौट गई। राजा की मृत्यु के पश्चात उसके निर्धन पिता पूजाराम ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से शव को गांव ले जाने के लिए वाहन देने की बात कही थी। लेकिन उनको यह कहकर मना कर दिया गया कि शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है। साथ ही स्टाफ ने बाहर भाड़े से गाड़ी करने की बात कही।
एंबुलेंस वाले ने मांगे डेढ़ हजार रुपए
मुरेना में 8 साल का बच्चा अपने 2 साल के भाई के शव को पौने दो घंटे गोद में लिये बैठा रहा,एंबुलेंस वाले ने 1500 मांगे गरीब बाप के पास पैसे नहीं थे. आखिर कोतवाली के इंस्पेक्टर पहुंचे गोद से बच्चे को उठाया शव वाहन का इंतज़ाम किया. @ABPNews @pankajjha_ @awasthis #MadhayPradesh pic.twitter.com/jTrJPnivQR
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) July 10, 2022
वहीं लाचार गरीब बाप से अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के किसी संचालक ने डेढ़ हजार रुपे भाड़ा मांगा। लेकिन गरीब पूजाराम के पास इतने पैसे नहीं थे। इसलिए वह अपने बेटे राजा के शव को लेकर अस्पताल के बाहर आ गए। उसके साथ में 8 साल का बेटा गुलशन भी था। पूजाराम जाटव को अस्पताल के बाहर भी कोई वाहन नहीं मिला। उसके बाद बड़े बेटे गुलशन को नेहरू पार्क के सामने, सड़क किनारे बने नाले के पास बैठा कर पूजाराम सस्ती रेट में वाहन तलाश में चले गए।
करीब 1 घंटे तक 8 साल का गुलशन अपने 2 साल के भाई के शव को गोद में लेकर बैठा रहा। इस दौरान उसकी नजरें टकटकी लगाए सड़क पर पिता के लौटने का इंतजार कर रही थी। कभी गुलशन रोने लगता, तो कभी अपने भाई के शव को दुलारने लगता। सड़क पर राहगीरों की भीड़ लग गई, जिसने भी यह दृश्य देखा उसकी रूह कांप गई। बहुत से लोगों की आंखों से तो आंसू भी छलक पड़े।
पुलिस ने एंबुलेंस से घर भिजवाया
सूचना प्राप्त होने पर कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह जादौन ने गुलशन की गोद से उसके नन्हे भाई का शव उठवाया और दोनों को जिला अस्पताल ले गए। इस पर कुछ देर के बाद ही गुलशन के पिता पूजाराम भी वहां पहुंचे, जिसके बाद एंबुलेंस से शव को बड़फरा भिजवाया गया। रोते हुए पूजाराम ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं। तीन बेटे और एक बेटी। राजा सबसे छोटा था। पूजा राम ने बताया कि उनकी पत्नी तुलसा 3 महीने पहले घर छोड़कर अपने मायके डबरा चली गई है। वह खुद ही बच्चों की देखभाल करता है।
आपको बता दें कि इस घटना की पुष्टि मुरैना के सीएमएचओ डॉ. राकेश शर्मा ने की है। उन्होंने कहा कि पुलिस टीम अस्पताल में आई, फिर एंबुलेंस से शव को उसके गांव भिजवाया गया।