मुस्लिम शख्स ने 40 लाख खर्च करके बनवा डाला श्री कृष्ण मंदिर, बोला- ‘सपने में भगवान ने दिए थे दर्शन’
भले ही आज हमारे देश को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है. संप्रदायिकता दिन- प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. लेकिन अभी भी हमारे देश में कुछ ऐसे लोग मौजूद है जो संप्रदायिकता के रूप में लोगों को बांटने वाली सरकार के मुंह पर एक तमाचे का काम करते हैं. इसी तरह झारखंड के एक शख्स ने भी धर्म की दीवार गिरा कर कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान है और पूरा देश इनके इस काम की तारीफ कर रहा है. जी हां, झारखंड के रहने वाले इस पुरुष ने श्री कृष्ण मंदिर का निर्माण किया है जहां जाकर सभी हिंदू लोग भगवान की पूजा करते हैं.
जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि झारखंड के दुमका रहने वाले एक मुस्लिम जिनका नाम नौशाद शेख है. नौशाद पैसे से एक जाने-माने बिजनेसमैन है. इन्होंने धर्म की दीवार को गिराते हुए श्री कृष्ण मंदिर का निर्माण करवाया है. इस मंदिर का निर्माण करवाने के लिए उन्होंने लगभग 40 लाख रुपए का खर्च किया है. खबरों की मानें तो इस मंदिर का निर्माण हो चुका है और 14 फरवरी को मंदिर में श्री कृष्ण की मूर्ति की भी स्थापना की जा चुकी है. गौरतलब है कि इस मंदिर का निर्माण श्री कृष्ण पार्थसारथी के आधार पर किया गया है.
व्यापारी नौशाद शेख का कहना है कि वह हर रोज श्री कृष्ण के एक मंदिर के आगे से गुजरा करते थे और उनके सपने में भी कई बार श्री कृष्ण भगवान उनको दर्शन दे चुके थे. नौशाद शेख ने इस बात का भी खुलासा किया कि वह एक बार फिर कृष्ण के मंदिर गए थे. जहां से आने के बाद उनको सपने में श्रीकृष्ण भगवान दिखाई दिए और श्री कृष्ण भगवान ने उनसे कहा कि वह उनके एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाएं. जिसके बाद मुझे श्री कृष्ण भगवान के मंदिर का निर्माण करवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि साल 2019 में इस मंदिर का निर्माण करने की प्रतिक्रिया शुरू हुई थी जो कि अब खत्म हो चुकी है और सभी हिंदू लोग इस मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं.
जब नौशाद से सवाल किया गया कि वह तो एक मुस्लिम है फिर उन्हें कैसे लगा कि उन्हें एक देवता के मंदिर का निर्माण करवाना चाहिए. इस सवाल का जवाब देते हुए नौशाद ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने धर्म के नाम पर देश का बंटवारा कर रखा है भगवान एक ही है फिर चाहे आप उस भगवान को मंदिर मस्जिद या फिर चर्च में पूजे कोई फर्क नहीं पड़ता. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नौशाद सभी धर्मों में आस्था रखते हैं और इस मंदिर के निर्माण में जितना भी खर्च आया है वह सब नौशाद ने अपनी जेब से खर्च किया है. उन्होंने एक भी रुपया जनता से नहीं लिया. नौशाद का कहना है कि अगर मंदिर का निर्माण करने के लिए कोई उन्हें दान देना चाहता था तो वह मना कर देते थे क्योंकि यह उनकी आस्था थी. भगवान की कृपा से अब नौशाद का यह मंदिर बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है. जिस पर सभी लोग पूजा करते हैं.