हनुमान जी का ऐसा चमत्कारी मंदिर, जहां से गुजरने वाली हर ट्रेन की रफ्तार खुद हो जाती है धीमी

हमारे भारत देश में बहुत से मंदिर मौजूद हैं, जो अपनी विशेषता और चमत्कार के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। देश में मौजूद इन चमत्कारी मंदिरों से जुड़ी हुई बहुत सी कथाओं के बारे में समय-समय पर जानकारी प्राप्त होती रहती है। इन मंदिरों के प्रति लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है, जिसके चलते लोग इन मंदिरों में दूर-दराज से भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं और अपने जीवन के दुख-परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

आप सभी लोगों ने कई चमत्कारी मंदिरों के बारे में सुना होगा, जहां पर आपको भगवान की शक्ति दिखाई देती है और उनके चमत्कारों से सामना होता है। लेकिन आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां इंसान को तो इस बात का यकीन है कि यह मंदिर चमत्कारी है। बल्कि उस मंदिर के आगे जब कोई तेज रफ्तार से ट्रेन आती है तो वह भी खुद-ब-खुद धीमी हो जाती है। मानो ऐसा प्रतीत होता है कि वह ट्रेन रुककर उस मंदिर को प्रणाम कर रही हो।

हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर

दरअसल, आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बता रहे हैं यह हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश के शाजापुर स्थित बोलाई गांव में स्थित है। इस मंदिर के सामने से जो भी ट्रेन गुजरती है उसकी रफ्तार खुद धीमी हो जाती है। इस चमत्कारी मंदिर का नाम श्री सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर है। यह मंदिर रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रेक के बीच बोलाई स्टेशन से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है।

इस मंदिर के संबंध में यह बताया जाता है कि यह मंदिर कई सौ साल पुराना है। ऐसी मान्यता है कि यहां भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, जिसके चलते यहां पर हर शनिवार, मंगलवार और बुधवार को दूर-दूर से श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं।

मंदिर में भगवान गणेश जी के साथ विराजमान हैं हनुमान जी

इस मंदिर के संबंध में ऐसा माना जाता है कि यहां हनुमान जी, भगवान श्री गणेश जी के साथ विराजमान हैं। ऐसे में यहां स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा के बाएं बाजू पर श्री सिद्धि विनायक गणेश जी विराजित हैं। एक ही प्रतिमा में दोनों भगवान होने से यह प्रतिमा अत्यंत पवित्र, शुभ और फलदायी मानी जाती है। इस मंदिर को लेकर ऐसा भी बताया जाता है कि यहां आने वाले लोगों को भविष्य की घटनाओं की भी पहले से ही अनुभूति होने लगती है। इस मंदिर से इसी प्रकार के कई चमत्कार जुड़े हुए हैं।

मंदिर के सामने से गुजरने वाली ट्रेन की रफ्तार हो जाती है कम

हनुमान जी के इस चमत्कारी मंदिर की सबसे प्रमुख बात यह है कि इस मंदिर के सामने से जब भी कोई तेज रफ्तार से निकलती है, तो उसकी स्पीड खुद-ब-खुद कम हो जाती है। इस बारे में स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि सालों पहले रेलवे ट्रैक पर दो मालगाड़ी आपस में टकरा गई थी। बाद में दोनों गाड़ियों के पायलट में बताया था कि उन्हें घटना के कुछ देर पहले ही इस अनहोनी का पूर्वाभास हो गया था।

उन्हें ऐसा लगा था मानो कोई उन्हें ट्रेन की रफ्तार कम करने के लिए कह रहा हो लेकिन उन्होंने रफ्तार को कम नहीं किया और इस वजह से टक्कर हो गई। तभी से यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार कम की जाने लगी। ऐसा कहा जाता है कि अब तो यदि कोई ड्राइवर ट्रेन की गति को कम करने को नजरअंदाज भी करता है, तो भी ट्रेन की रफ्तार अपने आप धीमी हो जाती है।

हनुमान जी बताते हैं भविष्य

आपको बता दें कि कुछ लोगों का इस मंदिर को लेकर ऐसे ऐसा बताना है कि यह मंदिर 600 साल पुराना है। वहीं कुछ लोग ऐसा भी बताते हैं कि यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण ठा. देवीसिंह ने कराया था। यहां साल 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्याग कर इस स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया और यहां पर उन्होंने 24 सालों तक कड़ी तपस्या कर सिद्धियां हासिल की थी। इसलिए यह मंदिर बहुत ही सिद्ध मंदिर माना जाता है।

ऐसा बताया जाता है कि यहां जो भी लोग आते हैं उसे उसके जीवन में क्या घटेगा, उसका पूर्वाभास उसे हो जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि मंदिर में विराजमान हनुमानजी भक्तों को उनका अच्छा या बुरा सभी प्रकार का भविष्य बता देते हैं, जिसकी वजह से भक्त सावधान हो जाते हैं।