पत्नी को दिलाने के लिए कभी चप्पल तक के नहीं थे पैसे, अब सलाना कमा रहे हैं इस बिजनेस से 18 करोड़ रूपये
अगर मेहनत की जाए तो 1 दिन सफलता जरुर प्राप्त होती है. आप सब लोगों ने यह कहावत सुनी होगी कि अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहा जाए तो पूरी कायनात उसको आपसे मिलाने में लग जाती है. आज एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी हम आप सभी लोगों के लिए लेकर आए हैं. यह एक खाद्य उद्यमी कहानी है जो आज 18 करोड से ज्यादा का बिजनेस कर रहा है एक समय ऐसा था जब इस शख्स के पास अपनी मां की सर्जरी और अपनी पत्नी के लिए ₹200 की चप्पल तक खरीदने के पैसे नहीं थे. गुवाहाटी में मोमोमिया के मालिक जिन्होंने 3.5 लाख रूपये लगा कर 2018 में 110 वर्ग फुट में अपनी एक छोटी सी दुकान शुरू की थी. इस इंसान का नाम देवाशीष है. तो जवाब तो दिया था. आज हम आपको इस सफल बिजनेसमैन की कहानी सुनाने जा रहे है तो चलिए जानते हैं.
जानकारी के लिए आप सभी लोगों को बता दें कि देवाशीष ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया और बताया कि, ‘मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों की तरह मैं भी पढ़ाई करते हुए सपने देखता था कि मैं इंजीनिय, बैंकर, बनूंगा और एक डॉक्टर बनना मेरे लिए सबसे अच्छा विकल्प था लेकिन बड़ा होने के साथ-साथ में एक बैंकर बन गया.’ देवाशीष को यह कंपनी में ऑफिस असिस्टेंट के रूप में पहली जॉब मिली थी उनकी सैलरी महज ₹1800 थी और यह जो उन्होंने 2015 में हासिल की थी. लेकिन जब वह थक हार के घर आए तो उन्होंने अपनी मां को यह जोधपुर छोड़ने की बात की. लेकिन मां के आग्रह करने पर वह इस नौकरी पर डटे रहे.
सपनों को कुछ ऐसे किया साकार
ऑफिस असिस्टेंट की जॉब करते हुए देवाशीष ने अपना काफी सारा समय व्यतीत किया. लेकिन इस नौकरी के दौरान वह कांच के बने केबिन में जब अपने बड़े अधिकारियों को बैठते देखते तो वह भी सोचते कि एक दिन वह भी ऐसे ही कांच के केबिन में बैठकर काम किया करेंगे. उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए काम करना शुरू कर दिया. साल बाद साल 2009 में देवाशीष ने ऑफिस असिस्टेंट की जॉब से इस्तीफा दे दिया और एक बैंकर के रूप में काम करने लगे देवाशीष का कहना है कि वह अपनी इस जॉब से भी बिल्कुल संतुष्ट नहीं थे माना बैंकर के रूप में सैलरी अच्छी होती है लेकिन वह एक उद्यमी बनना चाहते थे.
देवाशीष कहते हैं कि, ‘यह मेरी जिंदगी का सबसे कठिन फैसला था क्योंकि मैं नवविवाहित था और मैंने एक अच्छी सैलरी वाली जॉब छोड़ दी थी लेकिन मेरी मां और मेरी पत्नी ने मेरे फैसले पर मेरा समर्थन किया. जिसके बाद मैंने 2017 में अपना पहला बिजनेस शुरू किया जो कि एक आइसक्रीम की दुकान थी. लेकिन तब मुझे एक बहुत बड़ा नुकसान हुआ यह नुकसान लगभग ₹10 लाख का था लेकिन मेरी मां और पत्नी ने तब भी मेरा साथ नहीं छोड़ा और मेरा समर्थन किया.’ देवाशीष का कहना है कि मोमो खुद भी बनने का ख्याल उनके रूप में तब आया जब वह गुवाहाटी में एक आउटलेस दौरा कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने तीन लाख से ज्यादा कर लोन उठा कर 2018 में मोमोमिया लांच किया और आज यह बिजनेस 18 करोड रुपए की कमाई कर रहा है और देवाशीष भी एक बड़े उद्यमी के रूप में उभर चुके हैं.