मां का अपमान देख बेटी ने लिया अफसर बनने का फैसला, बिना कोचिंग UPSC पास कर IPS बनीं शालिनी अग्निहोत्री
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और इसे पास करने के लिए छात्रों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। हर साल लाखों छात्र यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देते हैं लेकिन कुछ लोग ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। वहीं कई छात्र कई मुसीबतों का सामना करते हुए परीक्षा को पास करने में सफल होते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है हिमाचल प्रदेश के ऊना के छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली शालिनी अग्निहोत्री की, जो पहले प्रयास में ही आईपीएस अधिकारी बन गईं।
एक छोटे से गांव से जिंदगी की शुरुआत करके आईपीएस अधिकारी बनना शालिनी अग्निहोत्री के लिए आसान नहीं था परंतु आईपीएस बनने के पीछे उनकी सोच, मेहनत, लगन और कहानी प्रेरणादायक है। बचपन में ही मां के साथ एक ऐसी घटना हुई, जिसके बाद उन्होंने यह ठान लिया कि वह बड़े होकर अधिकारी बनेंगी। बचपन में किया खुद से वादा शालिनी अग्निहोत्री ने आज पूरा करके दिखा दिया है।
मां के अपमान ने बदल दी शालिनी की जिंदगी
आपको बता दें कि शालिनी अग्निहोत्री के पिताजी का नाम रमेश अग्निहोत्री है, जो एक बस कंडक्टर थे लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई। शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर है और उनका भाई आर्मी में है। एक बार शालिनी बचपन में अपनी मां के साथ बस में यात्रा कर रही थीं। इस दौरान एक व्यक्ति ने शालिनी की मां की सीट के पीछे हाथ लगा रखा था, जिससे वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थीं।
शालिनी नई कई बार उस आदमी से अपना हाथ हटाने के लिए कहा परंतु उसने उसकी एक बात भी नहीं सुनी और गुस्सा हो गया। तब उस आदमी ने शालिनी से कहा था कि चाहे वह कहीं की डीसी क्यों ना हो, वह उसकी बात नहीं मानेगा। बस यही से शालिनी ने यह ठान लिया कि वह बड़ी होकर अफसर बनेंगी।
10वीं में 92% के बाद 12वीं में सिर्फ 77% नंबर आए
शालिनी अग्निहोत्री के 10वीं क्लास में 92% अंक आए थे। लेकिन 12वीं की परीक्षा में उन्हें सिर्फ 77% अंक ही मिले थे। हालांकि, उनके माता-पिता ने उनका पूरा सपोर्ट किया और उन्होंने उनको अपनी पढ़ाई जारी करने के लिए प्रेरित किया। आपको बता दें कि धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय से शालिनी अग्निहोत्री ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। जब वह ग्रेजुएशन कर रही थीं, तो उसी दौरान वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गई थीं।
घरवालों को बिना बताए UPSC की तैयारी शुरू की
बता दें कि कॉलेज के बाद शालिनी अग्निहोत्री यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करती थीं और उन्होंने इसकी जानकारी अपने माता-पिता को नहीं दी थी। शालिनी को लगता था कि इतनी कठिन परीक्षा है कि अगर पास नहीं हुई तो कहीं घरवाले निराश ना हो जाएं। सबसे बड़ी बात यह है कि बिना किसी कोचिंग के ही शालिनी अग्निहोत्री ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की।
पहले प्रयास में ही बन गईं IPS अधिकारी
शालिनी अग्निहोत्री ने अपने सपने को साकार करने के लिए जीवन में कड़ी मेहनत और संघर्ष की है। उन्होंने मई 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी और 2012 में इंटरव्यू का रिजल्ट भी आ गया। शालिनी अग्निहोत्री ने ऑल इंडिया में 285वीं रैंक प्राप्त की और उन्होंने IPS चुना। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शालिनी अग्निहोत्री की पहली पोस्टिंग हिमाचल में हुई और वह कुल्लू में पुलिस अधीक्षक का पदभार भी संभल चुकी हैं।