घायल सांप का हुआ दो घंटे तक ऑपरेशन तब जाकर आया होश, होश आने के बाद जो हुआ उसे जानकर आपके भी होश उड़ जायेंगे
दोस्तों आज हम आप के लिए जो पोस्ट लेकर आये है उसे पढ़कर आप थोड़ा हैरानी में पड़ सकते है लेकिन ये बात बिलकुल सच है| चाहे वो कितना भी हिम्मतवाला इन्सान हो सांप का नाम सुनते ही इंसान के मन में डर पैदा हो जाता है। कोई भी ये नही चाहता कि उनका सपने में भी सांप से पाला पड़े। मगर यहाँ तो कुछ और ही माज़रा है नया रायपुर के एक घर में सांप निकलने के बाद रहवासियों में दहशत फैल गई थी। लोगों की मदद से सांप को लोहे की रॉड से घर से बाहर निकाला गया, लेकिन वह काफी घायल हो गया।
घटना की जानकारी मिलने पर सोशल वर्कर बलवंत कौर ने सांप को अपने ऑफिस देवपुरी लाने के लिए कहा, जिसके बाद जयदीप और मिलन सिंह घायल सांप को लेकर उनके दफ्तर पहुंचे। खबरों के मुताबिक नया रायपुर के एक कौर परिवार ने एक सांप का ऑपरेशन कर जान बचाई है। नया रायपुर में एक सांप घायल अवस्था में मिला था। उसे इलाज के लिए अवंति विहार स्थित डॉक्टर पदम जैन के अस्पताल में भर्ती किया गया।
इसके बाद रायपुर में एक घायल सांप की जान बचाने के लिए 28 मार्च को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इसमें न केवल सांप का सफल ऑपरेशन किया गया, बल्कि उसकी जान भी बचाई गई। आपको बता दे की ऑपरेशन के बाद इस सांप को एक सप्ताह के लिए बेडरेस्ट भी करने के लिए भी कहा गया है| घायल सांप की स्थिति देख बलवंत कौर ने उपचार करने की पूरी जिम्मेदारी ली सांप के उपचार के लिए बलवंत ने वेटनरी डॉक्टर पदम जैन से चर्चा की।
बलवंत कौर सांप को लेकर अवंति विहार स्थित डॉ. जैन के हॉस्पिटल पहुंची, जहां डॉक्टर ने 45मिनट तक ऑपरेशन किया और ऑपरेशन के कुछ घंटों के बाद सांप को होश भी आ गया। इस ऑपरेशन के लिए डॉ. जैन ने बलवंत कौर से फीस की मांग भी नही की रेस्क्यू के दौरान सांप के पीठ की हड्डी टूट गई थी। बलवंत कौर ने बताया कि सांप की हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने उम्मीद जताई की हफ्तेभर बेड रेस्ट करने के बाद वह सामान्य हो जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की डॉ. पदम जैन के मुताबिक उनके यहां पहली बार किसी सांप का ऑपरेशन हुआ है 45 मिनट तक ऑपरेशन चला, जो की सफल भी रहा। और अब सांप पूरी तरह से स्वस्थ है। उसे लगातार इंजेक्शन दिया जा रहा है। मनजीत ने बताया कि यह रेड स्नेक प्रजाति का सांप है, जिसे छत्तीसगढ़ में असोढि़या के नाम से जानते है। यह सांप धान खाने आए चूहों को खाता है।