जल्द ही बनने जा रहा है भारत का नया संसद भवन, जानिए कैसा होगा इसका स्ट्रक्चर
भारतीय संसद यानी भारतीय लोकतंत्र का मंदिर. संसद का महत्व किसी भी संसदीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण होता है उसी प्रकार भारत में भी संविधान के बाद संसद का द्वितीय महत्वपूर्ण स्थान है. संसद एक वो जगह है जहां से देश के नियम कानून बनते हैं और फिर देश चलाया जाता है. भारतीय संसद दो सदनों में बंटा हुआ है. राज्य सभा जो कि उच्च सदन कहलाता है. लोक सभा जो कि निचला सदन कहलाता है. राष्ट्रपति, राज्य सभा और लोक सभा से मिल कर संसद पूर्ण होती है. देश में एक संसद भवन है परंतु देश की नई संसद भवन की बिल्डिंग का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है. और इस नए संसद भवन में क्या क्या सुविधाएँ और खास चीजें होगी उनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
आपको बता दें कि भारतीय संसद भवन की नई बिल्डिंग बनाई जा रही है. कई मायनों में यह भवन महत्वपूर्ण साबित होगा. इस नए संसद भवन के परिसर का काम लगभग अक्टूबर 2022 तक पूरा होने वाला है. टाटा प्रोजेक्ट्स को इसके निर्माण कार्य का ठेका दिया गया था. इस संसद भवन का स्ट्रक्चर सामने आ चुका है आइये बताते हैं कैसा बनेगा नया संसद भवन.
दरअसल इस नई संसद भवन की बिल्डिंग में 6 प्रवेश द्वार बनाए जाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही इस संसद भवन में 120 ऑफिस स्पेस और पब्लिक गैलरीज की भी व्यवस्था की जाने वाली है. इस नए संसद भवन के परिसर के लोक सभा हाॅल में 1,272 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं राज्य सभा के हाॅल में 629 सीटें लगाने की व्यवस्था है. पुराने भवन के मुकाबले इसमें बैठने की व्यवस्था के लिए काफी सीटों का प्रबंध किया जाएगा.
यहाँ दिलचस्प बात यह है कि सांसदों के बैठने की जो सीटें इस संसद भवन में बनाई जा रहे हैं उन्हें आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहे है. कई नई तकनीक का प्रयोग करके इसे सुविधाजनक बनाया जा रहा है. ताकि वोटिंग आदि करने में सांसदों को आसानी हो सके. स्पेस और आधुनिकीकरण के लिहाज से यह संसद भवन काफी विकसित और माॅडर्न होगा.
गौरतलब है कि इस नए संसद भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है. इस भवन के लिए पेड़ों को ट्रांस्फ़र करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. भवन निर्माण की सामग्री भी यहाँ पहुंचने लग गई है. बता दें कि संसद का नया भवन वर्तमान परिसर में ही प्लाॅट संख्या 118 पर तैयार हो रहा है. नए संसद भवन परिसर के लिए रेल और परिवहन भवन को नहीं तोड़ा जाएगा.