सूर्य देव को जल अर्पित करते समय ना करें ये गलतियां अन्यथा जीवन में उत्पन्न होने लगेंगी परेशानियां
रविवार का दिन सूर्य देव का दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो जो व्यक्ति सूर्य देवता की पूजा करता है, उसको समाज में मान-सम्मान के साथ-साथ यश की प्राप्ति होती है। ऐसा माना गया है कि अगर सूर्य मंत्रों का जाप किया जाए तो इससे कुंडली में सूर्य से संबंधित सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। सूर्य मान-सम्मान का प्रतीक माना गया है। वर्तमान समय में बहुत से लोग ऐसे हैं जो प्रातः काल सूर्य देवता को जल अर्पित करते हैं, परंतु अगर आप भी सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो आपको कुछ गलतियों को करने से बचना होगा।
धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सूर्य देवता की पूजा करते वक्त या फिर जल अर्पित करते समय अगर कुछ गलतियां हो जाती हैं तो इसके कारण सूर्य देवता नाराज होते हैं, जिसके कारण जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से सूर्य देव की पूजा करते समय या जल अर्पित करते समय आपको कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
सूर्य देव की पूजा या जल अर्पित करते समय ना करें ये गलतियां
1. अगर आप सूर्य देव की पूजा कर रहे हैं तो उस समय के दौरान लाल फूल, लाल चंदन, गुड़हल का फूल, चावल अर्पित कर सकते हैं। सूर्य पूजा में गुड़ या गुड़ से बनी हुई मिठाई का भोग लगा सकते हैं।
2. रविवार का दिन सूर्य देवता की पूजा का विशेष दिन माना गया है। आप रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित जरूर कीजिए। ऐसा बताया जाता है कि इससे कुंडली में मौजूद सारे दोष खत्म होते हैं परंतु आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि सूर्य देवता को जल ब्रह्म मुहूर्त में ही अर्पित कीजिए और बिना स्नान किए सूर्य को जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
3. सूर्य देवता को जल अर्पित करने के लिए जो आप पात्र ले रहे हैं वह तांबे का होना चाहिए। जल देते समय दोनों हाथों से तांबे का पात्र पकड़कर जल अर्पित कीजिए।
4. सूर्य देव को जल अर्पित करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जल हमेशा सिर के ऊपर से ही अर्पित कीजिए। ऐसा माना जाता है कि इससे सूर्य की किरणें व्यक्ति के शरीर पर पड़ती हैं, जिससे सूर्य के साथ-साथ नवग्रह भी प्रबल हो जाते हैं।
5. आप सूर्य देवता को जल पूर्व दिशा की तरफ अपना मुख करके ही अर्पित करें। अगर आपको सूर्यदेव नजर नहीं आ रहे हैं तो भी आप पूर्व दिशा की तरफ ही अपना मुख करके जल चढ़ाएं।
6. अगर आप सूर्य देवता को जल अर्पित कर रहे हैं तो उस सरान दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जल की छींटे पैरों पर नहीं पड़नी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अगर ऐसा होता है तो सूर्य को जल देने से मिलने वाला फल प्राप्त नहीं हो पाता है।
7. सूर्य देवता को जल अर्पित कर रहे हैं तो आप पहले जल में फूल, अक्षत अवश्य डाल लीजिये। आप चाहे तो जल में रोली, लाल चंदन और लाल फूल भी डाल सकते हैं।