टूटे घर में रह रही थी 73 साल की गरीब महिला, पुलिसवाले ने किया नेक काम, नया घर बनवाकर दिया गिफ्ट
दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो लगातार अपने नेक कामों की वजह से सुर्खियों में छाए रहते हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कोरोना काल में गरीब और जरूरतमंदों की सहायता के लिए बहुत से लोग सामने आए और अपनी तरफ से गरीबों की पूरी सहायता की। इंसान कभी भी पैसों से अमीर नहीं होता है बल्कि इंसान दिल से अमीर होता है। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो रोजाना ही किसी ना किसी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता करते हैं। जब तक यह लोग किसी की मदद नहीं कर लेते हैं, तब तक इनको बिल्कुल भी चैन नहीं मिलता है। ऐसे बहुत से उदाहरण आए दिन सामने आते हैं जिसको जानने के बाद हर व्यक्ति को काफी गर्व महसूस होता है। इन लोगों के नेक कामों से यह पता चलता है कि इस दुनिया में इंसानियत अभी भी बाकी है।
आज हम आपको एक ऐसे पुलिसकर्मी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसने फर्ज से उठकर काम किया है। आपको बता दें कि तेलंगाना के जनगांव जिले के पलकुर्थी पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर गंडराठी सतीश ने कुछ लोगों की सहायता से 73 साल की एक गरीब महिला के लिए नया घर बनवाया है। खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि बारिश की वजह से इस गरीब महिला का घर क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद सतीश ने इस महिला की हालत देखी और लक्ष्मीनारायणपुरम गांव में एक नया घर बनवा कर उपहार के रूप में इस महिला को दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार अगस्त, 2020 में मानसून की बारिश ने बांदीपल्ली राजम्मा के मिट्टी के घर को इस तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था कि उस महिला का घर टूटने की कगार पर आ गया था। बातचीत के दौरान बांदीपल्ली राजम्मा ने बताया कि वह अपने विकलांग बेटे के साथ मिट्टी की दीवार वाले घर में रह रही थीं, जिसके दरवाजे नहीं थे। बारिश की वजह से एक दीवार गिर गई थी। मजबूरी में उसको इस बुरी स्थिति में भी रहना पड़ रहा था। बांदीपल्ली राजम्मा ने बताया कि 4 महीने पहले उसके घर में एक सांप आया और उनकी पोती को काट लिया, जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी। बांदीपल्ली राजम्मा ने बताया कि बीमारी के चलते 1 साल पहले उसकी बहू की भी मृत्यु हो गई थी लेकिन इतनी कठिनाई झेलने के बाद भी उन्होंने अपने आपको संभाला।
राजम्मा की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। ऐसी स्थिति में वह अपना गुजारा भीख मांग कर करती थी। राजम्मा और उनके बेटे रामुलु बाजार स्थानों पर भीख मांगते थे और जोखिम में डालकर टूटे हुए घर में रह रहे थे। इसी बीच जब सब-इंस्पेक्टर सतीश को इस बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत ही इस महिला की सहायता करने का फैसला ले लिया।
आपको बता दें कि सतीश ने अपनी जेब से 80 हजार रुपये खर्च किए थे। जब सतीश को उस महिला की परेशानियों के बारे में पता चला तो उन्होंने गांव में ही उनके लिए एक घर बनाने का फैसला किया। दो महीने में घर बनकर तैयार हो गया, फिर सब-इंस्पेक्टर गंडराठी सतीश ने उस घर को मां-बेटे को उपहार के रूप में दिया।