समाज के लिए मिसाल बनीं तेलंगाना की आदिलक्ष्मी, ट्रकों का पंचर जोड़ चला रही हैं अपना परिवार
समाज में महिलाओं के प्रति एक अलग ही नजरिया देखने को मिलता है। महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं। महिलाएं क्या कर सकती हैं, क्या नहीं कर सकतीं? इसी तरह की बहुत सी बातें होती हैं जो महिलाओं पर लागू की जाती है। महिलाओं को चारदीवारी के अंदर ही बंद करके रख दिया जाता है परंतु ऐसा नहीं है कि महिलाएं घर की चारदीवारी से बाहर निकल कर कुछ काम नहीं कर रही हैं। वर्तमान समय में ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं।
वैसे सही मायने में देखा जाए तो आजकल के समय में महिलाएं कई क्षेत्रों में अपने परिवार के साथ साथ देश का नाम भी रोशन कर रही हैं। महिलाओं ने यह साबित कर दिखाया है कि वह पुरुषों से किसी भी मामले में कम नहीं हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी महिलाएं बेहद मजबूती के साथ आगे बढ़ रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी महिला के संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं, जो इन दिनों काफी चर्चा में छाई हुई है। दरअसल, तेलंगाना के कोथागुडेम जिले के सुजातानगर की रहने वाली 30 वर्षीय आदिलक्ष्मी अपने परिवार के लिए काफी लंबा संघर्ष कर रही हैं।
आदिलक्ष्मी ट्रकों की वेल्डिंग से लेकर पंचर लगाने तक कार्य करती हैं। ट्रक का टायर खोलना हो या फिर छोटी-मोटी रिपेयरिंग जैसा काम हो। यह खुद ही आदिलक्ष्मी कर रही हैं। आदिलक्ष्मी टायर फिक्स करने के साथ-साथ कुशल वेल्डर और मेटल फ्रेम फैब्रिकेटर का काम भी करती हैं। एक से ज्यादा एक्सिल वाले ट्रकों के भारी-भरकम पहियों को खोलना और फिट करना आदिलक्ष्मी बेहद आसानी से कर लेती हैं।
आपको बता दें कि आदिलक्ष्मी के पति वीरभद्रम ने तीन वर्ष पहले रिपेयरिंग की शॉप खोली थी। उनके पास पैसों की काफी कमी थी इसलिए शॉप खोलने के लिए उन्होंने अपने घर को भी गिरवी रख दिया था। आदिलक्ष्मी का अपने काम को लेकर ऐसा कहना है कि हम लोगों पर बहुत अधिक कर्जा बढ़ता जा रहा था। ऐसे में मैंने कर्ज को कम करने के लिए पति के साथ काम करने का निर्णय लिया। आदि लक्ष्मी अपने पति वीरभद्रम का पूरा सहयोग करती है। आदिलक्ष्मी की दो बेटियां हैं।
आदिलक्ष्मी की कहानी इंटरनेट पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। आदिलक्ष्मी अपने पति के साथ उनकी शॉप पर रोजाना कार्य करती हैं जब आदिलक्ष्मी ने काम शुरू किया था तो ग्राहक उनकी शॉप पर आने से पहले काफी सोचते थे। उनके मन में यही ख्याल रहता था कि यह महिला है, यह ट्रक का पंचर ठीक प्रकार से नहीं लगा सकती हैं परंतु आदिलक्ष्मी ने अपना काम लगातार जारी रखा। धीरे-धीरे सभी लोगों को इनकी कुशलता के बारे में पता चल गया। इनकी शॉप 24 घंटे खुली रहती है। ग्राहक भी इनकी शॉप से सर्विस कराकर बेहद खुश हैं।
आपको बता दें कि साल 2010 में आदिलक्ष्मी का विवाह वीरभद्रम के साथ हुआ था। आदिलक्ष्मी स्कूल ड्रॉपआउट हैं। आदिलक्ष्मी की दो बेटियां हैं। आदिलक्ष्मी का कहना है कि उनके पास औजार भी बहुत कम है लेकिन वह इन सबसे काम चला लेती हैं उन्होंने बताया कि अगर उनको सरकार से सहायता मिल जाती तो उनकी बेटियों का भविष्य सुधर जाता।