कोरोना से पीड़ित जीवित व्यक्ति को दिया मृत प्रमाण पत्र, बीवी ने कहा- यह मेरा पति नहीं

ऐसा पहली बार नहीं है कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग की खबरें हमने न सुनी हो. दरअसल अपने ‘कारनामे’ के लिए पहले भी बिहार का स्वास्थ्य विभाग चर्चित होता रहा है. आपको बता दें कि फिलहाल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में एक बेहद हैरतअंगेज मामला सामने आ रहा है, दरअसल जहां जिंदा व्याक्ति को ही मृत घोषित कर दिया है और उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी निकाल दिया गया है. दरअसल पीएमसीएच के एक चिकित्सक ने कहा है कि बाढ़ थाने के मोहम्मद पुर के निवासी चुन्नू कुमार को ब्रेन हेमरेज के बाद नौ अप्रैल को पीएमसीएच में भर्ती करवा दिया गया था. इलाज के क्रम में ही उनकी कोरोना जांच भी करवाई गई थी, जिसमें वे पॉजिटिव हुए मिले. इसके बाद कोरोना वार्ड में उन्हें भर्ती कर दिया गया था और उनका इलाज प्रारंभ करवा दिया गया था. लेकिन इसके बाद का मामला और भी हैरान करने वाला है.

आपको बता दें कि अस्पताल प्रशासन द्वारा रविवार को उनकी पत्नी और भाई को यह सूचना दे दी गई थी कि चुन्नु का निधन हो चुका है. वहीं मौत होने के बाद शव को हटा देने की जल्दबाजी में अस्पताल प्रशासन ने मरीज के शव को सील पैक कर दिया गया और चुन्नू के भाई मनोज कुमार को दे दिया गया. इसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र भी इससू करवा दिया गया था.

गौरतलब है कि प्रशासन की देख रेख में ही शव के अंतिम संस्कार के लिए उन्हें ले गए थे. और इस क्रम में मृतक चुन्नु की पत्नी, पति के अंतिम दर्शन करने की जिद करने लग गई थी. परिजनों के अनुसार जब अंतिम दर्शन करने के लिए शव पर से कपड़ा हटवा दिया गया था, तो शव चुन्नू का नहीं था वहां किसी और का शव निकल गया. इसके बाद तो सभी हैरान ही हो गए थे. सभी ये देख कर हैरानी में पड़ गए थे.

हालाँकि इसके बाद पीएमसीएच सक्ते में आ गया था. बता दें कि पीएमसीएच में फिलहाल चुन्नू का इलाज सही से चल रहा है, जिसकी पुष्टि पीएमएसीएच प्रशासन और चुन्नू के परिवार जन भी कर रहे हैं. वहीं, जीवित कोरोना मरीज को मृत बता कर मौत का फेक प्रमाण पत्र देने के मामले में पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आई. एस. ठाकुर ने इसे बड़ी गलती बताया है. गलती को मानते हुए उन्होंने हेल्थ मैनेजर अंजली कुमारी को बर्खास्त करवा दिया गया है. यह मामला हर जगह चर्चा का केन्द्र बिन्दू बना हुआ है. सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा हो रही है.