कल का दिन है बेहद ही खास, अगर करेंगे इन 5 में से एक उपाय तो चमक जाएगी आपकी किस्मत
ये तो हम सभी जानते हें कि हिंदु धर्म में पर्व त्योहार का बेहद ही महत्व रहता है वहीं अगर बात करें अमावस्या तिथि की तो इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण करने का विधान है इसलिए इस दिन कुछ खास उपाय करने से पितृ दोष में कमी आ सकती है। वैसे तो अमावस्या पृथ्वी के चक्र में होने वाली एक सामान्य घटना है परन्तु सभी लोग अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार इसे शुभ और अशुभ के रूप में देखते है।
हिन्दू मान्यताओं में इस दिन पूजन करने का बेहद ख़ास महत्व माना जाता है। बहुत से लोग इस दिन अपने पूर्वजों की पूजा भी करते है और प्रसाद आदि चढाते है। वैसे आपको बता दें कि अमावस्या को किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ नहीं माना जाता लेकिन अगर हम धर्म के तौर पर देखें तो अमावस्या का खास महत्व होता है। इस दिन अपने पूर्वजों की पूजा करने और गरीबों को दान पुण्य करने से पापों का नाश होता है। आपको बता दें कि बहुत से श्रद्धालू इस दिन पवित्र जल में स्नान करके व्रत भी रखते है। बहुत से लोग इसे स्नान-दान की अमावस्या के रूप में भी पूजते है।
बता दें कि आने वाले 13 जून को यानि की कल अधिक मास की अमावस्या है ज्योतिषों और पंडितों के अनुसार ये दिन बेहद ही खास है और दुर्लभ भी है क्योंकि यह 3 साल में एक बार ही आती है। बताया जा रहा है कि इस बार अमावस्या पर किए गए उपाय से जीवन में बड़ी-बड़ी परेशानियां दूर हो जाती है और व्यक्ति की किस्मत चमक जाती है। तो आइए जानते हैं कि आखिर इस मौके पर कौन-कौन से शुभ काम करना चाहिए जिससे इसका लाभ मिल सके।
ये रहें वो उपाय :
1. शास्त्रों की माने तो अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है इसलिए इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र नदी में स्नान करके उन्हें तर्पण देना चाहिए इससे पितृदोष में कमी आती है। अगर आप चाहे तो इस दिन चावल के आटे से 5 पिंड बनाएं व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में प्रवाहित कर सकते हैं ये भी काफी शुभ माना जाता हे।
2. आपको बता दें कि पीपल के पेड़ में पितरों का निवास स्थान होता है इसलिए माना जाता है कि अमावस्या के दिन पीपल को जल चढ़ाने से व्यक्ति के उपर से सारे शनिदोष और राहुदोष खत्म हो जाते है।
3. अमावस्या पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और शिव मंत्रों का जप करना चाहिए। इतना ही नहीं इसके साथ ही अधिक मास की अमावस्या पर किसी ब्राह्मण को भोजन के लिए घर बुलाएं या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़ आदि हो, दान करें।
4. अधिक मास की अमावस्या पर अपने पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें। इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं। अमावस्या पर गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर उस पर घी-गुड़ की धूप दें और पितृ देवताभ्यो अर्पणमस्तु बोलें।
5. कहा जाता है कि अधिक मास की अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करना चाहिए इससे पितृगण प्रसन्न होते हैं।