पहली कक्षा की हिंदी की किताब में छपी Poem पर मचा बवाल, IAS ने कहा- किस ‘सड़क छाप’ ने रचना की है?
कोई न कोई सामाजिक मुद्दा सोशल मीडिया पर अक्सर ही तूल पकड़ लेता है. ऐसे मुद्दों को कोई न कोई उठा देता है फिर काफी लोग उसके पक्ष और विपक्ष में आ जाते हैं, ऐसा ही एक मुद्दा सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी चर्चा में बना हुआ है दरअसल इन दिनों एनसीआरटी की एक कविता को लेकर बवाल मचा चल रहा है. आपको बता दें कि क्लास वन की पाठ्य पुस्तक में छपी हुई हिंदी की कविता ‘आम की टोकरी’ को लेकर लोग सवाल उठाते दिखाई दे रहे है. यहां तक कि भारतीय प्रशासनिक अधिकारी ( आईएएस ) ने भी इस कविता पर आपत्ति दर्ज कराई है.
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले इस मामले में वायरल कविता में ‘छोकरी’ शब्द का इस्तेमाल हो रखा है. वहीं वायरल हो रही इस कविता की फोटोज में एक बच्ची सिर पर टोकरी रखे हुए है. इस टोकरी में आम रखें हुए है. गौरतलब है कि वायरल हो रही इस कविता में लोग ‘छोकरी’ शब्द को लेकर आपत्ति जता रहे हैं, साथ ही इस कविता को पाठ्यक्रम से हटाने के लिए भी कह रहे है. सोशल मीडिया पर लोग काफी लोग इस कविता को लेकर नाराज दिखाई दे रहे हैं सोशल मीडिया पर मुद्दा और बढ़ता ही जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस फोटो को छत्तीसगढ़ राज्य कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने अपने ट्विटर पर साझा किया हुआ है. इस फोटो को साझा करते हुए उन्होंने कैप्शन लिखा हुआ है कि “ये किस ‘सड़क छाप’ कवि की रचना है ?? कृपया इस पाठ को पाठ्यपुस्तक से बाहर निकाल दे.” बता दें कि इस पोस्ट के बाद से मामला काफी चर्चा में हैं. कई लोगों ने इसे शेयर किया और इसे हटाने की मांग भी कर दी है.
ये किस ‘सड़क छाप’ कवि की रचना है ?? कृपया इस पाठ को पाठ्यपुस्तक से बाहर करें. pic.twitter.com/yhCub3AVPR
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) May 20, 2021
जाहिर है कि सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस कविता को पाठ्यक्रम से हटाने के लिए अपील कर दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये कविता रिमझिम नाम की किताब में शामिल हो रखी है और रामकृष्ण शर्मा खद्दर ने इसकी रचना की है. वहीं इस कविता को एनसीईआरटी के क्लास वन के सिलेबस में लगाया हुआ है. इस कविता को 2006 से बच्चों को पढ़ा रहे हैं; परंतु एक भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के ट्वीट करने के बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया है.