98 साल की उम्र में ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार का हुआ निधन, कई दिनों से थे बीमार
बॉलीवुड इंडस्ट्री से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। आपको बता दें कि दिलीप कुमार को पिछले महीने से ही सांस से संबंधित समस्याएं बनी हुई थी, जिसके चलते उन्हें मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में एडमिट कराया गया था। 98 साल की उम्र में दिलीप कुमार ने हिंदुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली। दिलीप कुमार साहब के साथ उनकी पत्नी और अभिनेत्री सायरा बानो उनकी आखिरी सांस तक उनके साथ ही थीं और उनका खास ख्याल रख रही थीं।
आपको बता दें कि सांस लेने में समस्या होने पर 30 जून को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में दिलीप कुमार साहब को एडमिट कराया गया था और वहां पर वह आईसीयू में भर्ती थे। उनकी पत्नी सायरा बानो लगातार फँस के साथ दिलीप कुमार का हेल्थ अपडेट शेयर कर रही थीं। एक दिन उन्होंने कहा था कि अब दिलीप कुमार की हालत में सुधार है और उन्हें जल्द अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लेकिन अभी वह डॉक्टर्स के अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें अपने फैंस की प्रार्थनाओं की जरूरत है। वह जल्द वापस आ जाएंगे परंतु दिलीप कुमार के निधन से फिल्म इंडस्ट्री शोक में है।
बता दें कि पिछले साल भी दिलीप कुमार ने अपने दो छोटे भाइयों असलम खान (88) और एहसान खान (90) को कोरोना वायरस की वजह से खो दिया था, जिसकी वजह से उन्होंने अपना जन्मदिन और शादी की सालगिरह भी नहीं मनाई थी।
दिलीप कुमार साहब के एक महान लोकप्रिय अभिनेता थे, जो भारतीय सिनेमा में ट्रेजडी किंग के नए नाम से मशहूर हैं। दिलीप कुमार साहब का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान है, हिंदी सिनेमा जगत में आने के बाद उन्होंने अपना नाम दिलीप कुमार रख लिया था। दिलीप कुमार साहब ने हिंदी सिनेमा जगत में पांच दशक की लंबी पारी खेली है। दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था।
आपको बता दें कि दिलीप कुमार साहब ने बॉलीवुड में 1940 में कदम रखा था। उस समय हिंदी सिनेमा अपने शुरुआती दौर में था। दिलीप कुमार की अभिनेत्री सायरा बानो से साल 1966 में हुई थी। जब दोनों का विवाह हुआ था तो उस समय के दौरान दिलीप कुमार 44 वर्ष के थे और सायरा बानो की उम्र 22 वर्ष की थी।
दिलीप कुमार ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म “ज्वार भाटा” से की थी, जो वर्ष 1944 में आई थी। पर यह फिल्म कुछ खास सफल साबित नहीं हुई थी। उनकी पहली हिट फिल्म “जुगनू” थी जो 1947 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म से दिलीप कुमार सुपरस्टार बन जाए। बाद में दिलीप साहब ने लगातार कई हिट फिल्में दी हैं। उनकी फिल्म मुग़ल-ए-आज़म उस समय के दौरान की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म मानी जाती है। साल 1960 में यह फिल्म सबसे महंगी लागत में बनी थी और इसने अच्छी खासी कमाई भी की थी।
दिलीप कुमार को भारतीय फिल्मों में यादगार अभिनय करने के लिए फिल्मों का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 1994 में मिला था। बता दें कि साल 1991 में दिलीप कुमार साहब को पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। साल 2000 से साल 2006 तक वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे।