P जैन को ट्रैक करते-करते पुष्पराज की जगह पीयूष जैन के घर पहुंच गई इनकम टैक्स की टीम, एक गलती ने किया बड़ा खुलासा

कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन इन दिनों सुर्खियों का विषय बने हुए हैं। हर किसी की जुबान पर इन दिनों पीयूष जैन का ही नाम सुनने को मिल रहा है। उनके ठिकानों पर भी छापेमारी के दौरान इतनी संपत्ति बरामद हुई कि देखने वाले और जानने वाले लोगों के तो होश ही उड़ गए। जब इस इत्र कारोबारी के कानपुर-कन्नौज वाले घर पर छापेमारी की गई तो करोड़ों रुपए और कई चीजें बरामद की हुई।

छापेमारी के दौरान पीयूष जैन के घर पर 194 करोड़ रुपए की नगदी, 64 किलो सोना, 600 लीटर चंदन के तेल जैसी तमाम चीजें बरामद की गईं परंतु अब सवाल यह आता है कि आखिर इनकम टैक्स की टीम पीयूष जैन तक पहुंची तो पहुंची कैसे? इसके पीछे की कहानी बहुत रोचक है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी के बारे में…

आपको बता दें कि छापे के लिए सबसे पहले P की-वर्ड को इनकम टैक्स टीम के द्वारा ट्रेस किया गया था। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर यह की-वर्ड क्या है? तो आपको बता दें कि ये P की-वर्ड पी जैन के लिए था यानी कि दोनों पी का सरनेम भी जैन था।

दरअसल, कन्नौज के अंदर दो इत्र कारोबारी हैं, जो पी. जैन के हैं। इसमें से पहले वाले पी. जैन सपा का MLC हैं और इनका पूरा नाम पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन है। वही दूसरा पी. जैन इस अकूत संपत्ति का मालिक पीयूष जैन है।

वैसे तो इनकम टैक्स की टीम पहले वाले पी. जैन के यहां पर छापेमारी करने के लिए निकली हुई थी लेकिन वह दूसरे पी. जैन के यहां पर जा पहुंची। बस क्या था, टीम के द्वारा की गई यही एक गलती, जिसने देश के सबसे बड़ी रेड का खुलासा कर दिया।

दरअसल, 23 दिसंबर का वह दिन था, जब कानपुर में पीयूष जैन के घर DGGI (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) और इनकम टैक्स की टीम ने छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान यहां से अकूत संपत्ति मिली, जिसके बाद पीयूष जैन के कन्नौज में स्थित घर पर भी छापा मारा गया। यह छापेमारी की कार्यवाही एक दिन नहीं बल्कि कई दिनों तक चली और दोनों ही घरों से इतनी संपत्ति बरामद हुई कि शायद ही कोई सोच सकता हो। दोनों घरों से कुल 194 करोड़ रुपए की नगदी, 23 किलो सोना, 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ।

जब इस विषय में पूरी जांच पड़ताल की गई तो यह बात सामने आई कि यह घर कन्नौज के एक इत्र कारोबारी पी. जैन का है परंतु यह खबरें भी सामने आई थी कि जिन्होंने सपा इत्र बनाया था, ये वही पी. जैन है, लेकिन बाद में यह बात गलत निकल गई कि यह पीयूष जैन है जो सपा का नेता नहीं है।

आपको बता दें कि जो इत्र बनाने वाले पी. जैन है उनके नाम का पहला अक्षर पी. है और उनका सरनेम जैन है और कन्नौज की एक गली में ही दोनों रहते हैं। परंतु जिस जैन के घर पर छापेमारी की गई थी वह सपा इत्र बनाने वाले नहीं थे। इनका नाम पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी था। लेकिन इनकम टैक्स के द्वारा जिस पी. जैन के घर पर छापेमारी की गई थी वह पीयूष जैन हैं। सपा का इत्र बनाने वाले से पीयूष जैन का किसी भी प्रकार का लेना देना नहीं है।

आपको बता दें कि जब छापेमारी की गई थी तो इसी बीच 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कानपुर में ही थे। यहां उन्होंने सपा पर निशाना भी साधा था। उन्होंने बोला कि “जिन्होंने यूपी में भ्रष्टाचार का इत्र छिड़का था, आज वह सभी के सामने हैं। अब वह लोग क्रेडिट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। वहीं पी. जैन के घर छापा पड़ने के बाद 28 दिसंबर को ही उन्नाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर पलटवार किया था।

अखिलेश यादव ने बोला कि “बीजेपी का असली निशाना पुष्पराज और पम्पी जैन थे। हमारे एमएलसी पुष्पराज जैन ने समाजवादी पार्टी नाम से इत्र बनाया था। अखिलेश यादव ने बीजेपी के द्वारा अपने पीयूष जैन के घर पर छापा डलवाने की बात बोली थी।