जानिए क्या है रक्त चंदन की असली कहानी? जिसने अल्लू अर्जुन जैसे मजदूर को फिल्म में बना दिया राजा
साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म “पुष्पा द राइज” की चर्चा इन दिनों जोरों शोरों पर है। इस फिल्म ने देश के कई राज्यों में धमाल मचा रखा है। जैसा कि हम लोग जानते हैं कोरोना वायरस के चलते लोग ज्यादा से ज्यादा अपने घरों में ही समय व्यतीत कर रहे हैं। सिनेमा हॉल और थिएटर से लोग दूरी बनाए हुए हैं परंतु इसके बावजूद भी अल्लू अर्जुन के फिल्म “पुष्पा” ने धमाल मचा दिया है।
देश के कई राज्यों में थियेटर्स बंद कर दिए गए हैं। वहीं कुछ जगह पर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले गए हैं परंतु इसके बावजूद भी पुष्पा फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। हिंदी समेत मलयालम, कन्नड़, तेलुगु और तमिल भाषाओं में यह फिल्म हिट साबित हुई है। इतना ही नहीं बल्कि ओटीटी पर रिलीज होने के बाद इसकी कामयाबी और बढ़ती ही चली जा रही है।
फिल्म एक मजदूर पुष्पा की कहानी है, जो एक खास किस्म की लकड़ी तस्करी के धंधे में कदम रखता है। परंतु मजदूर पुष्पा को रंक से राजा बनाने वाली इस खास किस्म की लकड़ी के बारे में क्या आप लोग जानते हैं?
फिल्म की कहानी में यह दिखाया गया है कि मजदूर पुष्पा एक खास किस्म की लकड़ी तस्करी के धंधे में कदम रखता है और मजदूर से मालिक बन जाता है। यह खास किस्म की लकड़ी रक्त चंदन है। फिल्म पुष्पा की कहानी भले ही काल्पनिक हो परंतु फिल्म में रक्त चंदन के बारे में जो दिखाया गया है वह करीब सच है। जी हां, क्योंकि यह सिर्फ एक लकड़ी ही नहीं बल्कि भारत का एक प्राकृतिक खजाना है। भारत के एक खास स्थान पर पाए जाने वाले इस रक्त चंदन को लाल सोना कहा जाता है।
अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि सोना तो सुनहरा होता है फिर यह लाल सोना क्या चीज है? तो आपको बता दें कि यह एक ऐसा पेड़ होता है जो सोने की तरह ही कीमती होता है। इसी वजह से दुनिया में इसे “लाल सोना” कहा जाता है। तो चलिए जानते हैं उस लाल सोने के बारे में जिसकी कड़ी सुरक्षा के बावजूद भी उसकी तस्करी होती है।
खुशबू के बिना भी बेशकीमती है ये लाल चंदन
चंदन तीन प्रकार की होती है- सफेद, लाल और पीली। लेकिन रक्त चंदन यानी लाल चंदन की बात इन सबसे अलग है। बता दें कि चंदन का धार्मिक महत्व भी माना गया है। तिलक से लेकर धूप अगरबत्ती में इसका प्रयोग किया जाता है। एक तरफ जहां सफेद और पीले चंदन में खुशबू होती है। वहीं रक्त चंदन में कोई खुशबू नहीं होती है। लेकिन इसके बावजूद भी यह चंदन बेशकीमती है। लाल चंदन का वैज्ञानिक नाम Pterocarpus santalinus है।
ये लाल सोना शराब बनाने में किया जाता है इस्तेमाल
चंदन जिसको लाल सोना भी कहा जाता है, बहुत गुणकारी होती है। जी हां, आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी इसका कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि दुनिया भर में इसकी भारी डिमांड है। सिर्फ औषधि में ही इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि इस महंगी लकड़ी से फर्नीचर, सजावट के सामान आदि भी बनाए जाते हैं। इन सबके अलावा इस कीमती लकड़ी को शराब और कॉस्मेटिक की चीजें बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
सिर्फ इन क्षेत्रों में उगता है ये रक्त चंदन
आपको बता दें कि इस खास लकड़ी के पेड़ की औसतन ऊंचाई 8 से लेकर 12 मीटर तक होती है। यह चंदन भारत में हर जगह नहीं पाया जाता है। यह सिर्फ तमिलनाडु की सीमा में लगे आंध्र प्रदेश के 4 जिलों- नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में फैली शेषाचलम की पहाड़ियों में ही मिलता है।
एसटीएफ करता है इन पेड़ों की सुरक्षा
आपको बता दें कि भारत में इसकी तस्करी रोकने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। चीन सहित जापान, सिंगापुर, यूएई और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में इन लकड़ियों की भरपूर डिमांड है। चीन ऐसा देश है जहां पर इस लकड़ी की सबसे ज्यादा तस्करी होती है। चीन इससे फर्नीचर, सजावटी समान, पारंपरिक वाद्य यंत्र बनाता है। इसी वजह से यहां इस चंदन की लकड़ी की मांग अधिक है।
इंटरनेशनल मार्केट में करोड़ों के दाम में बिकने वाली इस चंदन की तस्करी भी जोरों शोरों पर होती है। इस कीमती पेड़ की सुरक्षा STF करते हैं।