बिहारी मिस्त्री ने दिखाया गज़ब का कमाल, महज़ 6 गज में बना डाला ये 2 मंजिला मकान
घर हम सब इंसानों की सबसे अहम जरूरत बन चुकी है क्योंकि यह घर ही है जो हमें हर तरह के मौसम में सुरक्षित रखते हैं और हम पर किसी तरह की कोई भी आपदा नहीं आने देते हैं. घरों को बनाने का काम मिस्त्रियों का होता है. अपने कई तरह के मिस्त्री काम करते हुए देखे होंगे लेकिन आज हम आपको जिस मिस्त्री से रूबरू करवाने जा रहे हैं वह आपके होश उड़ा देगा. असल में इस मिस्त्री के पास इतना टैलेंट का भंडार है कि उसने महज 6 गज में 2 मंजिला इमारत खड़ी कर दी है. यह इमारत उसने 2021 के सितंबर महीने में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बनाई है. दरअसल मिस्त्री द्वारा बनाए गए इस मकान की एक खासियत यह भी है कि यह मकान उसने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बनाया था जिसके बाद से ही इस मिस्त्री की चर्चा चारों तरफ शुरू हो चुकी है.
हर कोई यह जानने को बेताब है कि आखिर 6 गज की जमीन पर बने दो मंजिला मकान में 5 लोगों के परिवार ने कैसे अपना गुजर-बसर किया होगा. असल में देखा जाए तो बुराड़ी के इस छोटे से घर की काफी बड़ी कहानी है इसके अलावा इसके मिस्त्री की भी अपनी ही एक दिलचस्प कहानी भी है. तो चलिए हम आपको बताते हैं आखिर इस व्यक्ति को कैसे एक घर बनाने का आइडिया आया और फिर कैसे उसने 6 गज की जमीन पर 2 मंजिला इमारत खड़ी करती.
कैसे पहुंचते हैं इस मकान पर?
दरअसल यह मकान बुराड़ी मेन रोड से जब संत नगर की मार्केट से जाते हैं तो उसी हिस्से में दाहिने हाथ पर छोटी सी चौधरी डेयरी आती है. वहीं से आपको इस 6 गज के मकान के बारे में पता चल जाएगा. आप जब इस मकान के पास पहुंचेंगे तो इसको देखकर इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे हालांकि इस मकान को बनाने वाला अब इस इलाके में नहीं रहता है. बताया जा रहा है कि जिसने इस मकान को बनाया उसका नाम अरुण था जो कि बिहार के मुंगेर जिले से आया था और यही के एक ठेकेदार के यहां नौकरी किया करता था. इस ठेकेदार का मुख्य काम इलाके की जमीन की प्लाटिंग करके फिर भेज देना था. बता दे कि जहां पर यह मकान मौजूद है वहीं से गली नंबर 65 के लिए भी रास्ता निकलता है ऐसे में रास्ता निकलने के बाद केवल 6 गज की जमीन बचती है तो उस ठेकेदार से कहकर कारीगर ने 6 गज का वह हिस्सा अपने नाम करवा लिया था.
घर के कौन से फ्लोर पर क्या है?
बताते चलें कि इस दो मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर से लेकर पहली मंजिल तक जाने का जो रास्ता निकलता है उसके लिए सीढ़ियों से जाना पड़ता है. इसके अलावा इन सीढ़ियों से सटा हुआ एक बाथरूम भी बनाया गया है ग्राउंड फ्लोर में इस बाथरूम के अलावा दूसरा कुछ भी नहीं है. बेडरूम तक पहुंचने के लिए आपको पहली मंजिल पर जाना पड़ेगा जहां पर एक बेडरूम है जिसके साथ ही एक और बाथरूम नजर आएगा वही बैडरूम से दूसरी मंजिल के लिए रास्ता निकलेगा यहां पर आपको एक अन्य बेडरूम नजर आएगा. यहां पर आपको एक बेड नजर आएगा जो मकान मालिक ने जगह बनने के दौरान ही वहां रखवा दिया था. हालांकि यह मकान त्रिकोण आकार में बना हुआ है ऐसे में दरवाजे से शुरू होकर अंत तक जाते-जाते घर की सारी दीवारें आपस में त्रिभुज कितना जुड़ी नजर आती हैं.
कौन है इस घर का मालिक?
हालांकि जिसने यह मकान बनाया अब वह यहां पर नहीं रहते हैं लेकिन वर्तमान समय में यह मकान पवन कुमार उर्फ़ सोनू के नाम पर है. सोनू ने न्यूज़ 18 से बातचीत करने के दौरान बताया कि उन्होंने अरुण कुमार नाम के एक व्यक्ति से 5 से 6 साल पहले इस घर को खरीदा था. उन्होंने बताया कि अरुण कुमार मुंगेर जिले के रहने वाले थे और उन्होंने ही खुद इस मकान को डिजाइन किया था. अब आप सोच रहे होंगे कि अरुण ने आखिरकार इस मकान को किस लिए बेचा तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ खबरों का यह कहना है कि मकान बनाने वाला असल में एक जुएबाज व्यक्ति था और एक ही रात में वह काफी बड़ी रकम जुए में हार गया था ऐसे में कर्ज को चुकाने के लिए उसने सोनू के नाम इस घर को कर दिया था. गौरतलब है कि यह कल होनी अभी कच्ची है इसलिए यहां पर मकान की अभी रजिस्ट्री नहीं होती है लेकिन बिजली और पानी की यहां पर किसी तरह की कोई दिक्कत भी नहीं आती है.