पिता के पास बचे थे अब जीने के लिए कुछ ही दिन, जान बचाने के लिए बेटे ने दे दिया अपने लीवर का 65% हिस्सा
बच्चे माता-पिता की ताकत होते हैं जो कि बुरे वक्त में अपने माता-पिता का साथ देते हैं. आपने कई बार सुना होगा कि किसी माता पिता ने अपने बच्चे की जान बचाई लेकिन आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए एक ऐसे बेटे के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसने अपने पिता की जान बचा कर एक बच्चे ने अपने बेटे होने का कर्तव्य पूरा किया और सबके लिए एक मिसाल कायम की. इस बच्चे ने अपने पिता की जान बचाने के लिए अपनी किडनी का 65 परसेंट हिस्सा अपने पिता को दान में दे दिया. अब इस बेटे के बारे में जानकर कई लोगों की आंखें नम हो गई.
इस मामले पर बेटे का कहना है कि जब उसे पता चला कि उसके पिता की किडनी पूरी तरह खराब हो गई तो वह हैरान रह गया था क्योंकि उसके पिता ने कभी भी बीड़ी सिगरेट और शराब का सेवन नहीं किया था. वहीं डॉक्टरों का कहना था कि अब उसके पिता के पास अब ज्यादा समय नहीं है, बिना डोनर के उसके पिता महज 6 महीने ही अपनी जिंदगी जी सकते हैं. तो बेटे ने कहा कि वह खुद को काफी ज्यादा लाचार महसूस करने लगा.
आगे बेटे ने बात करते हुए कहा कि, ‘तब भी मैं पूरी कोशिश कर रहा था कि मैं अपने पिता को खुश रखूं, मैं अपने पिता के साथ वीडियो कॉल पर बात करूं और मैं खुश करने की कोशिश भी करता रहा था. इतना ही नहीं मैं उनके साथ लूडो खेल लूडो में जानबूझकर खुद हार जाया करता था. उस समय मैं और मेरे पापा एक दूसरे की उम्मीद बांध रहे थे कि हम इस परिस्थिति से जल्द ही बाहर निकल जाएंगे.’
बेटे ने आगे बात करते हुए कहा कि वह अपने पिता को और तकलीफ में नहीं देख पा रहा था इसलिए उसने अपने पिता की मदद करने की ठान ली. बेटे का कहना था कि उनके पिता को नियमित रूप से हॉस्पिटल ले जाया जाता था और उनके बेटे की परीक्षा सर पर थी. जिसके कारण यह बेटा अपनी परीक्षा की तैयारी भी अपने पिता के पास बैठकर ही करता था. अपने पिता की ऐसी हालत देखने के बाद इस बेटे ने अपने लीवर का 65 प्रतिशत हिस्सा अपने पिता को दान में देने का फैसला लिया.
गौरतलब है कि बेटे का लीवर पिता के साथ मैच भी हो गया लेकिन रिपोर्ट में पता चला कि उनका लिवर काफी ज्यादा फेटी था. जिसके बाद बेटे ने काफी सारी एक्सरसाइज कर अपना फैट कम किया. उसके बाद कुछ खास होने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि अब वह एकदम स्वस्थ हैं और सर्जरी के लिए तैयार हैं. यह बात सुनने के बाद बेटे का कहना था कि इस ने राहत की सांस महसूस की लेकिन उसके पिता रोने लगे. पिता ने कहा कि अगर यह सब होने के बाद आगे चलकर मुझे कोई कॉम्प्लिकेशन महसूस हुई तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा. बेटे का कहना था कि फिर मैंने अपने पिता को समझाया और कहा कि अगर कोई कॉम्प्लिकेशन आती भी है तो हम दोनों मिलकर उस समय से भी लड़ लेंगे. और हम लोगों ने अपने बचत के बीस लाख रुपए लगाकर सर्जरी करवाई. बेटे का कहना था कि, ‘हमारी सर्जरी कंप्लीट होने से पहले मैंने अपनी ग्रेजुएशन पास कर ली. जिसे सुनने के बाद मेरे पिता बहुत खुश हुए पिता ने कहा कि मुझे लगा था. वह दिन कभी नहीं देख पाऊंगा लेकिन मैं तुम जैसी बेटे का पिता होने पर गर्व महसूस कर रहा हूं.’