जहाँ एक तरफ भारत के लोग पढ़े-लिखे व समझदार हो रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ कुछ तथ्य ऐसे देखने को मिल रहे हैं जो हमारी शिक्षा कि समझ से भी बाहर हैं. उन्ही में से हाल ही में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है जिसने सबको हैरत में डाल दिया है. अक्सर हम फिल्मों और टीवी सीरियलों में पुनर्जन्म कि कहानियां देखते आये हैं. हालाँकि इसमें कितनी सच्चाई है और कितना झूठ यह कभी कोई समझ नहीं पाया है. लेकिन उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक पुनर्जन्म के किस्से ने नई उपज ली है. इस मामले ने औंछा थाना क्षेत्र के गाँव नगला सलेही को दंग कर दिया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गांव नगला से सलेही निवासी प्रमोद कुमार के घर उस वक्त तब सन्नाटा हो गया जब एक 8 साल के लड़के ने उन्हें आकर पिता कह दिया. वह उस बालक को देखकर कुछ समझ नहीं पाए और हैरत से उसे इसका कारण पूछा. तब उस लड़के ने बताया कि पिछले जन्म में उसकी नहाते वक्त नहर में डूबकर मृत्यु हो गई थी और अब वह पुनर्जन्म लेकर वापस उनके पास आया है. बस इतना कहना था कि प्रमोद और उनकी पत्नी ने झट से उस बच्चे को गले लगा लिया और रो दिए. प्रमोद कुमार ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान बताया कि उनके पुत्र रोहित का देहांत 13 साल की उम्र में यानी 2013 में नया डूबने से हो गया था.
प्रमोद कुमार के अनुसार बेटे के बाद वे बेटी के साथ ही अपना जीवन बिता रहे थे. उन्होंने बताया कि उनका बेटा उस समय माध्यमिक विद्यालय सलेही में पढ़ता था. वहीँ जब उन्होंने अपने सामने उस 8 वर्षीय लड़के को दोबारा पुनर्जन्म की बातें करते देखा तो वह सन्न रह गए. ग्रामीणों के अनुसार उसने जो कुछ भी बताया वह सब सच निकला. लड़के के पहचान में आने के बाद से ही पूरे गांव में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.
गांव में लड़के को अपने साथ लेकर आने वाले नगला अमर सिंह निवासी रामनरेश ने बताया कि 8 वर्ष पूर्व उनके घर बेटे का जन्म हुआ था. इसका नाम उन्होंने चंद्रवीर रखा था. जब उसमें बोलने की समझ आई तो वह अपने पुराने जन्म की बातें उन्हें बताने लग गया था. रामनरेश के अनुसार उनका बेटा अपने पिछले मां बाप से मिलने की अक्सर जिद करता रहता था. लेकिन इकलौते बेटे को खोने के डर से वह उसको पुराने मां-बाप से मिलवाने नहीं ले जा रहे थे. उन्होंने बताया कि अब आखिरकार उन्हें अपने बच्चे की जिद के आगे झुकना पड़ा है.
बताते चलें कि जब बालक घर पहुंचा तो उसके पुनर्जन्म की बातें दूर-दूर तक फैल गई. ऐसे में उसकी किस्से कहानियां सुनने के लिए लोगों की भीड़ घर में एकत्रित थी. जब घर में नगला सलेही विद्यालय के प्रधान यापक सुभाष यादव पहुंचे तो बालक ने उनके पैर छूकर उन्हें नाम से बुलाया. जब है उसे सच जानने के लिए विद्यालय लेकर गए तो बच्चे ने अपने पुराने कक्षा के बारे में भी उन्हें बताया. ऐसे में प्रमोद कुमार और उनकी पत्नी बेहद खुश नजर आए. हालांकि यह मामला पढ़ने और सुनने में थोड़ा अजीब है लेकिन इस पर बहुत से लोग विश्वास कर रहे हैं.