पिछले 5 साल से जंगलों में भटक रही थी ये भेड़, 35 किलो की ऊन निकालकर कुछ ऐसे बचाई गई जान…
पालतू जानवरों को बहुत प्यार और ख्याल से रखा जाता है. अगर ज़रा सी भी लापरवाही हुई तो अक्सर जानवरो को तकलीफ होने लगती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है ऑस्ट्रेलिया में. दरअसल यह एक भेड़ अपने समूह से अलग हो गया और जंगल में भटक गया था. जब लोगो की नजर पड़ी तो वो भेड़ एक ऊन का गोला बन चुकी थी. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बराक नाम की यह भेड़ ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में इधर-उधर भटक रही थी. जब लोगों ने उसे देखा तो वह बिल्कुल ऊन के गोले जैसी दिख थी. इस भेड़ को जब पकड़ा गया तब उसकी हालत बहुत खराब थी. और पकड़कर जब उसके रोएं काटे गए तो करीब 35 किलोग्राम ऊन निकला.
दरअसल, यह भेड़ लोगों के एक समूह को विक्टोरियन स्टेट फॉरेस्ट में भटकती मिली थी. इस भेड़ का रेस्क्यू कर एनिमल रेस्क्यू सेंटर पर लाया गया. इसी सेंटर पर भेड़ के शरीर से ऊन को अलग किया गया. इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें ऊन के हटने के बाद वह काफी अलग लग रही है.
माना जा रहा है कि यह भेड़ पिछले 5 साल से ऐसे ही भटक रही थी, जिससे उसके शरीर पर इतने रोएं जमा हो गए. मिशन फॉर्म सेंक्चुरी के संस्थापक पाम अहेर्न ने बताया कि विश्वास नहीं हो रहा था कि पूरे ऊन के नीचे एक जिंदा भेड़ है. इतनी ऊन होने की वजह से वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. उससे एक स्ट्रेचर पर केंद्र में लाया गया.
हालांकि पाम ने यह कहा कि इस भेड़ की ऊन को कम से कम पांच साल तक नहीं काटा गया. उन्होंने कहा कि जब ये भेड़ छोटी रही होगी, तभी जंगल में भटक गई होगी और इसे वापस शहर आने का रास्ता नहीं मिला होगा.
यह भी बताया गया कि शरीर पर इतना ज्यादा ऊन हो जाने की वजह से भेड़ ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. ट्रक से उतरने के बाद ही उससे पहियो वाले केज में भेजा गया. ऊन उसके आंखों तक भी होने से वो कुछ देख नहीं पाती थी. भेड़ की स्किन पर लंबे समय से गंदगी होने की वजह से अल्सर भी हो चुके है. रुई निकालने के बाद देखा गया कि उसमें अलग अलग प्रकार के कीड़े भी थे जो बदन से सटे हुए थे. ऊन में लकड़ियां और टहनियां भी पाई गई थी.
वहीं बराक के ऊन को नहीं काटा जाता तो गर्मियों में शायद उसकी मौत भी हो सकती थी. फिलहाल यह भेड़ अब सुरक्षित है और इसकी देखभाल की जा रही है. उससे बाकी साथियों के साथ रखा गया है और वह अभी खुश है.