हिंदुस्तान की सरहदों कई सालों तक देश की रक्षा करने के बाद जब एक फौजी रिटायर्ड होता है तो वह उसके लिए सबसे खुशी का दिन होता है. उस दिन को यादगार बनाने के लिए वह फौजी हर मुमकिन कोशिश करता है ऐसा ही एक मामला अब मध्य प्रदेश के रहने वाले फौजी सोनू लाल गोस्वामी के साथ हुआ जिसकी रिटायरमेंट को उसके परिवार वालों ने मिलकर काफी ज्यादा यादगार बना दिया और वह इन दिनों खूब चर्चा का विषय बने हुए हैं.
धूमधाम से किया रिटायर्ड फौजी का स्वागत
जानकारी के लिए बता दें सोनू लाल गोस्वामी भारतीय सेना में जब हवलदार के पद से रिटायर होकर अपने घर पहुंचे तो गांव पूरे ने उनके स्वागत में पलके बिछा दी. रेलवे स्टेशन से लेकर घर तक फौजी का इतने जबरदस्त तरीके से स्वागत किया कि देखने के लिए वहां आसपास भीड़ इकट्ठा हो गई. इन दिनों यह फौजी ग्वालियर में अपने परिवार के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
पत्नी द्वारा किया गया इस तरीके से वेलकम
दरअसल बात कुछ ऐसी है कि जब फौजी सोनू लाल रिटायर होकर अपने घर ग्वालियर वापस पहुंचे तो उनकी पत्नी ने उनका बड़े ही भव्य तरीके से स्वागत किया. उनके स्वागत को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. बताते चलें कि उनकी पत्नी उन्हें रेलवे स्टेशन से हाथी पर बिठाकर 8 किलोमीटर दूर उनके घर तक लेकर गई. इतना ही नहीं फौजी के स्वागत में बैंड बाजा से लेकर घोड़ा बग्गी तक सम्मिलित हुए थे. फौजी ने भी पत्नी द्वारा सरप्राइज प्लान किए गए हाथी पर खड़े होकर सलूट किया.
18 साल तक की देश सेवा
जानकारी के लिए बता दें सोनू लाल गोस्वामी ने लहार स्थित गणेशपुर निवासी आरती के साथ विवाह रचाया था इस शादी से इन दोनों के तीन बच्चे हैं. बीते 28 फरवरी को 18 साल तक भारतीय सेना में हवलदार की नौकरी करने के बाद सोनू लाल गोस्वामी को रिटायरमेंट मिली. इसके बाद 2 मार्च को वह ग्वालियर लौटे और उनकी पत्नी ने उनका बड़े ही भव्य तरीके से स्वागत किया. जिसके चलते यह पति-पत्नी इन दिनों खूब सुर्खियों का विषय बने हुए हैं. पत्नी आरती के मुताबिक कि उनके पति 18 साल बाद भारतीय सेना से रिटायर होकर घर लौट रही हैं तो उनके लिए यह दिन सबसे खुशी का दिन है. बस इस दिन को यादगार बनाने के लिए फौजी की पत्नी ने उनका राजा महाराजाओं की तरह स्वागत किया.
यहां से किया था हाथी का इंतजाम
जानकारी के लिए बता दें फौजी की पत्नी का कहना है कि उन्होंने फौजी का इस तरह से स्वागत करने की पूरी योजना अपने परिजनों को बताई जिसके बाद उसके भाई ने ओरछा से हाथी का इंतजाम किया. हालांकि फौजी की पत्नी ने यह बात बताने से मना कर दिया कि हाथी का इंतजाम करने में उनके कितने पैसे खर्च हुए लेकिन उनकी पत्नी का कहना है कि 14 साल पहले ही उनके पति घोड़े पर चढ़ ने अपने घर लेकर आए थे. आज जब वह देश की सेवा कर घर लौट रहे हैं तो मैं उन्हें हाथी पर बैठा कर घर लेकर आऊंगी और इस फौजी की पत्नी ने बड़ी ही धूमधाम से हाथी पर बिठा अपने पति को भर लाई.
बताते चलें कि फौजी हाथी पर खड़े होकर सलूट करते हुए घर आए और उनका यह जुलूस उन रेलवे स्टेशन से उनके घर तक 8 किलोमीटर तक चलता रहा.