बेटियां घर की लक्ष्मी होती हैं, जिनके घर बेटियां जन्म लेती हैं, उन्हें संसार की सारी खुशियां मिल जाती हैं क्योंकि पूरा घर रोशन बेटियों की वजह से ही रहता है। लेकिन आजकल के समय में भी दुनिया में ऐसे बहुत से लोग रहते हैं, जो बेटों की चाहत सबसे ज्यादा रखते हैं। जब बेटी का जन्म होता है तो कुछ लोग खुशी मनाने की बजाए निराश हो जाते हैं। लेकिन सच तो यह है कि आजकल के समय में बेटा और बेटी दोनों ही एक समान माने जाते हैं। समय के साथ-साथ अब लोगों की सोच बदलती जा रही है।
जी हां, जहां पहले बेटी होने पर लोग दुखी हो जाया करते थे। वहीं आजकल सभी लोग बेटी होने पर खुशी मनाते हैं। जी हां, बेटी का जन्म लेना कभी अभिशाप नहीं माना जाता था लेकिन अब “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा बुलंद हो रहा है। इसी बीच बेगूसराय में इसी का उदाहरण देखने को मिला है। यहां बेटी जन्म होने पर परिजनों ने ना सिर्फ खुशियां मनाई बल्कि पिता ने अपनी बेटी और पत्नी को सदर अस्पताल से ई-रिक्शा को दुल्हन की तरह सजा कर विदा कर घर लेकर आया।
ई-रिक्शा को सजाकर बेटी को लेकर आया घर
दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह बेगूसराय से सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, बेगूसराय नगर निगम के वार्ड नंबर- 42 बिशनपुर नौलखा निवासी टुनटुन कुमार सोनू की पत्नी जूली कुमारी ने सदर अस्पताल में 23 जनवरी को बेटी को जन्म दिया था, जिससे पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बना हुआ है। टुनटुन कुमार को पहले से दो बेटे थे और पत्नी के गर्भवती होने पर परिवार के साथ-साथ उसके सगे-संबंधी भी बेटी के लिए मन्नत मांग रहे थे और अब बेटी होने के बाद परिजनों में खुशियां बनी हुई है।
खासकर पिता बना टुनटुन बहुत ज्यादा खुश है। टुनटुन एक ई-रिक्शा चालक है। बेटी पैदा होने की खबर जब उसे प्राप्त हुई तो उसने सोचा कि वह बेटी और पत्नी को आर्केस्ट्रा के साथ धूमधाम से अस्पताल से लेकर घर आएगा लेकिन पैसे ना होने के कारण वह ऐसा ना कर सका। बता दें कि टुनटुन ने ऑर्केस्ट्रा वालों से इस विषय में बात की तो उन्होंने उससे ₹20000 की डिमांड कर दी लेकिन उसके पास सिर्फ ₹10000 ही थे। इस वजह से वह ऑर्केस्ट्रा ना कर सका फिर उसने सोचा कि क्यों ना अपने ई-रिक्शा को ही दुल्हन की तरह सजाकर वह बेटी और पत्नी को अस्पताल से घर लाए और उसने ऐसा ही किया।
टुनटुन ने अपने ई-रिक्शा को दुल्हन की तरह सजाया। 24 जनवरी की शाम को वह ई-रिक्शा लेकर अस्पताल पहुंचा। जब लोगों ने दुल्हन की तरह सजे ई-रिक्शा को देखा तो हर कोई हैरत में पड़ गया था। इसके बाद वह अपनी बेटी और पत्नी को उसमें बैठाकर घर लेकर आ गया। फिर जैसे ही वह लोग घर पहुंचे, परिवार में मां-बेटी का धूमधाम से स्वागत किया गया। पूरे मोहल्ले में मिठाई बांटी गई। बेटी के जन्म पर इस तरह से खुशी मनाने वाले ई-रिक्शा चालक की अब हर कोई तारीफ करता हुआ नजर आ रहा है।
टुनटुन ने बताया कि उसकी पत्नी, दोस्त और परिजनों की मन्नत को भगवान ने सुन लिया और उसे बेटी प्राप्त हुई। वहीं मां बनी जूली कुमारी ने कहा कि उसे भी काफी खुशी है। उसे भगवान ने बेटी दी है और उसने मन्नत भी मांगी थी। जैसा कि आप लोग तस्वीरों में देख सकते हैं कि सदर अस्पताल में किस तरह टुनटुन कुमार ई-रिक्शा को सजाकर लाया और वहां से अपनी बेटी और पत्नी को विदा कराकर घर लाया है। वीडियो देखने के लिए