विवाह पूरी दुनिया में एक ऐसा बंधन होता है, जो पवित्र होने के साथ-साथ इस संसार के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। विवाह के बंधन में दो प्यार करने वाले एक नए रिश्ते में जुड़ जाते हैं। यह रिश्ता प्यार और विश्वास के बल पर बनता है इसीलिए विवाह के बंधन में जुड़ने वाले दो लोगों में प्यार और विश्वास होना चाहिए। जब पुरुष-महिला विवाह के बंधन में बंध जाते हैं, तो दोनों ही अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं और जीवन भर एक दूसरे का साथ निभाने का वादा करते हैं।
लेकिन अक्सर जीवन में कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिसके चलते पति-पत्नी का साथ छूट जाता है। किसी कारणवश जब पति की मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद महिला के लिए जीवन जीना कितना मुश्किल हो जाता है, इसके बारे में कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता। अगर कम उम्र में ही किसी महिला का पति इस दुनिया को छोड़ कर चला जाता है, तो उस महिला को समाज से कई ताने सुनने पड़ते हैं।
इसी बीच आज हम आपको राजस्थान के सीकर जिले से सामने आए एक मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर सोनी परिवार के बेटे की मौत के बाद बहु को बेटी मानते हुए उसका पुनर्विवाह कर अनूठी मिसाल कायम की है। राजस्थान के सीकर जिले के रैवासा धाम में मंगलवार को हुई एक शादी समाज के लिए नायाब नजीर बन गई। यहां श्रीमाधोपुर निवासी रमेश चंद्र सोनी ने अपने बेटे की मृत्यु के पश्चात अपनी पुत्रवधू पूजा का अपने हाथों कन्यादान कर उसकी नई जिंदगी की राह खोल दी।
जिसको कभी बहू के रूप में विदा करा कर लाए थे उसे बेटी के रूप में विदा कर समाज को नहीं सीख दी। रैवासा धाम के जानकीनाथ बड़ा मंदिर में भगवान जानकीनाथ के समक्ष में पूजा ने जयपुर निवासी कैलाश चंद सोनी के साथ मंगलवार को सात फेरे लिए।
जिंदगी में फिर लौटी खुशियां
आपको बता दें कि पूजा और कैलाश की शादी में एक अजीब दुर्योग भी सामने आया है। दरअसल, पूजा के पति मुकेश की मृत्यु पिछले साल 5 मई को कोरोना की वजह से हुई थी। वहीं कैलाश की पत्नी भी मई महीने में ही कोरोना से इस दुनिया को छोड़ कर चली गई थी। तभी से दोनों की जिंदगी नीरस सी हो गई थी। लेकिन पुनर्विवाह ने दोनों की जिंदगी में फिर से खुशियां लौटा दी है।
बहू को बना लिया था बेटी
जब बेटे मुकेश की मृत्यु हो गई, तो उसके पश्चात ही रमेशचंद ने बहु पूजा को अपनी बेटी मान लिया था। उन्होंने पूजा को गले लगाकर उसे बेटी की तरह रखा और उसके दामन में हर खुशी भरने का वादा किया था। अपने वादे को निभाने के लिए उन्होंने ढिगाल व हाल जयपुर निवासी कैलाश के पिता नागरमल सोनी के सामने दोनों के विवाह का प्रस्ताव रखा, जिस पर दोनों पक्षों की सहमति हो गई और उन्होंने पूजा का विधि-विधान से विवाह संपन्न कराया।
कैलाश और पूजा की शादी मंगलवार को सीकर के रैवासा धाम में जानकीनाथ मंदिर में स्वामी राघवाचार्य के सानिध्य में हुई। शादी में दोनों परिवारों के लोग मौजूद रहे।