पिता के निधन के बाद बेटे ने धूमधाम से कराई विधवा मां की दूसरी शादी, समाज ने भी किया समर्थन- Pics
एक मां दुनिया भर के कष्ट सहकर भी अपनी संतान को अच्छी तरह से अच्छी सुख-सुविधाएं देना चाहती हैं। एक मां अपने बच्चों से बहुत ही ज्यादा प्रेम करती है। वह भले ही खुद भूखी सो जाए लेकिन अपने बच्चों को खाना खिलाना नहीं भूलती है। हर व्यक्ति के जीवन में उसकी मां एक शिक्षक से लेकर पालनकर्ता जैसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए हमें अपनी मां का सदैव सम्मान करना चाहिए।
हमारे जीवन में मां के इस रिश्ते को अन्य सभी रिश्तो से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। मां अपने बच्चों की खुशियों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है। वहीं बच्चों का भी यह फर्ज होता है कि वह अपनी मां की खुशियों का ख्याल रखें। आज हम आपको महाराष्ट्र के कोल्हापुर से आए एक मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर एक बेटे ने अपनी मां के लिए सालों से चली आ रही एक कुरीति को तोड़कर मिसाल कायम की है।
दरअसल, कोल्हापुर में एक शख्स की सड़क हादसे में जान चली गई। इसके बाद उसकी पत्नी बेहद दुखी और परेशान रहने लगी। यह सब देखकर उसके बेटे से रहा नहीं गया। कोल्हापुर के हेरवाड़ ग्राम पंचायत में इस बेटे ने विधवा प्रथा को तोड़ते हुए अपनी मां की दूसरी शादी करवा दी है। पिता के निधन के बाद बेटे ने धूमधाम से अपनी विधवा मां की दूसरी शादी कराई।
बेटे ने कराई मां की दूसरी शादी
सामाजिक कुरीति को तोड़ने वाले बेटे का नाम युवराज शेले है। 23 साल के युवराज के पिता नारायण की दो साल पहले एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। पिता के निधन के बाद युवराज की मां रत्ना हमेशा उदास और परेशान रहने लगी थीं। अपनी मां की इस उदासी को युवराज देख नहीं पा रहा था। समाज भी उन्हें विधवा की नजर से देखने लगा था। महज 45 साल की उम्र में अपनी मां का यह हाल 23 साल के बेटे से देखा नहीं गया। इसके बाद युवराज ने अपनी मां की दूसरी शादी कराने का ठान लिया।
पिता के निधन के बाद मां रहने लगी थी उदास
युवराज से अपनी मां का हाल नहीं देखा गया। इसके बाद युवराज के मन में एक ख्याल आया कि क्यों ना मां की दूसरी शादी करा दी जाए क्योंकि अभी उनके पास जीने के लिए लंबा जीवन पड़ा है। फिर क्या था, युवराज ने अपनी मां की दूसरी शादी कराने की ठान ली। फिर बेटे ने मां से बात करने से पहले उनके लिए योग्य वर की तलाश शुरू कर दी। युवराज की यह तलाश जान पहचान के ही एक किसान मारुति के पास जाकर खत्म हुई।
मारुति इस शादी के लिए राजी हो गए लेकिन दूसरी शादी के लिए मां को तैयार करना युवराज के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। पहले तो मां ने साफ मना कर दिया। डर था कि समाज क्या कहेगा? लेकिन बेटा लगातार उसे समझाता रहा। आखिरकार बेटे की जिद के आगे मां को अपनी जिद छोड़नी पड़ी और वह दूसरी शादी के लिए राजी हो गईं।
समाज ने भी किया समर्थन
सबसे खास बात यह है कि आस-पड़ोस वालों ने भी युवराज के इस प्रयास का समर्थन किया और शादी समारोह में शामिल भी हुए। मां रत्ना का कहना है कि “बेटे की शादी कराने की उम्र थी, लेकिन बेटे के जिद के लिए मुझे खुद अपनी शादी करनी पड़ी। मैं खुश हूं। इससे बेटे की इच्छा पूरी हुई।” रत्ना की मांग फिर से भर गई और अब तीनों राजी खुशी रह रहे हैं।