मां-बाप ने सीटी स्कैन के बाद खोया एकलौता बेटा, हंसते हुए मशीन में गया मासूम लेकिन निकला तो थम चुकी थीं सांसे
अक्सर आए दिन देश-दुनिया से ऐसी कोई ना कोई खबर निकल कर सामने आ ही जाती है, जिसे जानने के बाद हर किसी का मन दुखी हो जाता है। इसी बीच आगरा से एक मामला सामने आया है। जहां पर शुक्रवार के दिन साढ़े तीन साल के दिव्यांश की सीटी स्कैन के दौरान मृत्यु हो गई। ऐसा बताया जा रहा है कि दिव्यांश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। जब मां-बाप अपने बच्चे को डॉक्टर के पास दिखाने ले गए तो डॉक्टर के यहां से उनका बच्चा जिंदा वापस नहीं आया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला आगरा के थाना नाई की मंडी के सुभाष पार्क स्थित अग्रवाल सिटी सेंटर का बताया जा रहा है। जहां पर साढ़े तीन साल का मासूम बच्चा दिव्यांश छत से गिर गया था, जिसके बाद माता-पिता सीटी स्कैन कराने के लिए यहाँ आए हुए थे। माता-पिता का ऐसा कहना है कि उनका बच्चा हंसते-खेलते सीटी स्कैन मशीन के अंदर गया था परंतु जब वह मशीन से बाहर निकाला गया तो तब तक उसकी सांसे थम चुकी थीं। माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली तो परिजन वहां पर इकट्ठे हो गए और जमकर हंगामा शुरू हो गया। जब डॉक्टर और कर्मचारी ने देखा कि लोग हंगामा कर रहे हैं तो वह सेंटर को बंद करके भाग कर निकल गए। जैसे ही पुलिस को यह सूचना मिली तो पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों का ऐसा आरोप है कि उनके बेटे की मृत्यु डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने की वजह से हुई है। पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ देर रात मुकदमा दर्ज कर लिया और इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
वहीं थाना नाई की मंडी के प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार का ऐसा कहना है कि धनौली के रहने वाले विनोद कुमार का बेटा दिव्यांश छत से गिर गया था, इससे उसको चोट लगी थी। वह शाम 5:00 बजे उसे नामनेर स्थित एसआर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने शाम को उसको सीटी स्कैन के लिए भेज दिया। इस पर सुभाष पार्क स्थित डॉ नीरज अग्रवाल के सेंटर पर लेकर आ गए। यहां पर दिव्यांशु को इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद अचानक से ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।
सिटी सेंटर के कर्मचारियों ने बच्चों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। जब वह बच्चे को लेकर हॉस्पिटल गए थे तो वहां पर डॉक्टर ने उस बच्चे को मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद परिजन उसे लेकर सिटी स्कैन करने वाले डॉक्टर के पास पहुंच गए लेकिन जब वह वहां पर पहुंचे तो सेंटर पर ताला लगा हुआ था और वहां पर कोई भी डॉक्टर और कर्मचारी नहीं था यानी कि सब ताला लगाकर भाग खड़े हुए। इसके बाद परिजनों ने अपने परिचितों को इस पूरे मामले के बारे में जानकारी दे दी और सभी सेंटर पर इकट्ठे हो गए और जमकर हंगामा शुरू करने लगे।
जब इस पूरी घटना की जानकारी पुलिस को मिली तो मृतक बच्चे के चाचा योगेश कुमार की तहरीर पर डॉक्टर नीरज अग्रवाल उनके कर्मचारी और एसआर हॉस्पिटल के डॉक्टर के खिलाफ लापरवाही से मृत्यु के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अब पुलिस पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मिलने का इंतजार कर रही है।
मृतक के परिजनों का ऐसा बताना है कि उनका बच्चा बिल्कुल ठीक था। घर से जाने से लेकर सीटी स्कैन की मशीन तक, वह हंस बोल रहा था। उनके भाई विनोद ने उसके वीडियो भी बनाए थे लेकिन जैसे ही डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन दिया उसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। सिटी स्कैन के दौरान ही बच्चे की मृत्यु हो गई। उन्होंने बच्चे के वीडियो को पुलिस को भी दिखाएं।