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जब डॉक्टर्स नें जया बच्चन से कह दिया था के अमिताभ बच्चन को आखिरी बार देख लीजिये, जाने क्या है पूरा मामला

सोशल मीडिया पर इन दिनों अमिताभ बच्चन जी का एक तकरीबन 37 सालों पुराना  विडियो तेजी से वायरल हो रहा है| इस विडियो में देखा जा सकता है के कैसे बच्चन जी दुनिया को अलविदा कहते कहते बचे थे| बता दें के यह असल जिंदगी का नही बल्कि अमिताभ की ही मशहूर फिल्म ‘कूली’ का है जिसके शूट के वक्त इनका एक एक्सीडेंट हो गया था| भले ही पुनीत इस्सर इस पूरी घटना के बाद काफी नामी विलेन बन गये पर यहाँ के बाद फिल्म में अमिताभ की भूमिका काफी कम हो गयी|

पूरी घटना कुछ ऐसी थी के एक फाइट सीन में अमिताभ और पुनीत को एक साथ जम्प करना था| पर यह जम्प मिसटाइम हो गयी जिसके बाद अमिताभ बच्चन गलत जगह लैंड कर गये| जिसके चलते दो चीज़े एक साथ हो गयी| पहली यह के पुनीत का एक पंच जो उन्हें सिर्फ चूने के लिए फ्रेम्ड था वह काफी तेज लग गया और दूसरा यह के एक टेबल रखा था जिसका बाहरी हिस्सा अमिताभ को पेट में गहरी चोट दे गया जिसके चलते वो शूटिंग छोड़ होटल चले गये|

पर देखते देखते उनकी हालत ग्म्भ्रीर हो गयी जिसके चलते उन्हें सबसे पहले सेंत फिलोमेनाज हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया|और फिर कुछ वक्त बा इन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल लाया गया| उनकी अगले दिन लगभग 8 सर्जरीज हुईं ऐसा खुद अमिताभ ने बताया| पर इतने सब के बाद भी उन्हें डॉक्टर्स ऑलमोस्ट डेड बता रहे थे|

कैंडी हॉस्पिटल में कुछ दिनों के अंदर उनकी एक और सर्जरी की गयी जिसके बाद पत्नी जाया से कहा गया के इससे पहले के वो न रहे वो अंतिम बार उनसे मिल लें| इसके बाद भी डॉक्टर भी उदवादिया नें हार नही मानी और उन्हें कॉर्टिसन इंजेक्शन लगा दिया| इसके बाद मानो क्या चमत्कार हुआ के जाया जब आईसीयू में पहुंची तो अमिताभ के पैर का अंगूठा उन्हें हिल्ट नजर आया जिसपर वो चिल्लाई  ‘देखो, वो ज़िंदा हैं’ |

देखें घर वापसी का Video :

इसके बाद भी उन्हें घर जाने में लगभग 2 महीने लगे और फिर 24 सितंबर, 1982 को वो एम्बेसडर कार में घर पहुंचे| घर पहुँचते ही पिता हरिवंश राय बच्चन को उन्होंने सबसे पहले देखा और वो बताते है के एस पहली बार हुआ जब अपने पिता को उन्होंने रोते देखा हो| यह सब उस वक्त की बात है जब उनके माता पिता भी ऐसा मान चुके थे के अब वू नही बाख सकते|

वहीँ माँ तेजी बच्चन नें उनका माथा चूम लिया| इसके बाद उनके घर वापसी पर लाखों चाहने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा था| और अमिताभ सभी का आभार व्यक्त कर रहे थे जिन्होंने भी उन्हें इस दुखद वक्त से निकालने में मदद की और साथ ही जिन्होंने उनके बेहतरी के लिए प्रार्थना की| इसके बाद अमिताभ नें जिस कदर एक्टिंग के लिए अपनी जान की बाज़ी लगायी वः फिल्म इंडस्ट्री के लिए काफी बड़ी घटना थी|

ऐसे में ठीक 37 सालों के बाद 24 सितंबर,1982 की उस तारिख को जब अमिताभ अपने घर लौटे थे उसी दिन इन्हें दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाज़ा गया जो के भारत के सबसे बड़ा सम्मान है|

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