बहू ने पेश की अनोखी मिसाल! कोरोना संक्रमित ससुर को पीठपर उठाकर पहुंची अस्पताल, सब कर रहे हैं नमन

कोरोना महामारी का कहर दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। पूरी दुनिया में महामारी ने हड़कंप मचा रखा है। लोग वायरस की वजह से बहुत परेशान चल रहे हैं। जब शुरुआती समय में कोरोना वायरस ने देश में दस्तक दी थी तो वायरस की वजह से लॉकडाउन का ऐलान किया गया था, जिसके चलते लोगों की नौकरियां छूट गई थीं। दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी बहुत मुश्किल हो रहा था परंतु बाद में लॉकडाउन खुल गया। अभी धीरे-धीरे लोगों का जीवन पटरी पर आ रहा था कि कोरोना की दूसरी लहर, पहली लहर से भी ज्यादा खतरनाक साबित हुई।

कोरोना की दूसरी लहर की वजह से रोजाना ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इतनी ही इतना ही नहीं बल्कि लोग वायरस की वजह से अपनी जान भी गंवा रहे। अब लोगों के मन में कोरोना की तीसरी लहर का भय बना हुआ है। इस मुश्किल हालात में लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। परंतु इसी बीच कुछ ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं जिसको जानकर हर कोई तारीफ कर रहा है।

दरअसल, बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने मुश्किल वक्त में मिसाल पेश की है। आज हम आपको एक ऐसी बहू के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप खुद आश्चर्यचकित हो जाएंगे। जी हां, जब बहू अपने कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंची तो यह नजारा देखकर सभी लोग हैरान हो गए थे। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। जो भी इन तस्वीरों को देख रहा है, वह बहू की तारीफ करते हुए नहीं थक रहा है।

हम आपको जिस बहू के बारे में जानकारी दे रहे हैं वह आसाम के नगांव की रहने वाली है जिसका नाम निहारिका दास है, जिन्होंने समाज के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है। बेटे का फर्ज निभा कर वह आदर्श बहू बन गई हैं। अक्सर देखा गया है कि अगर घर परिवार में कोई बुजुर्ग कोरोना वायरस की चपेट में आ जाता है तो घरवाले उससे दूरी बना लेते हैं और उसको एक अलग ही कमरे में शिफ्ट कर देते हैं ताकि घर के बाकी सदस्य भी कोरोना की चपेट में ना आ जाएं परंतु निहारिका दास ने ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया। वह अपने कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर लादकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गई।

मिली जानकारी के अनुसार असम के नगांव के रहने वाली निहारिका करीब 2 किलोमीटर की दूरी पैदल चली और अपने कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंची। आपको बता दें कि निहारिका के ससुर थूलेश्वर दास राहा क्षेत्र के भाटी गांव में सुपारी विक्रेता थे। वहीं निहारिका के पति सिलीगुड़ी में कार्य करते हैं।

ऐसा बताया जा रहा है कि जब निहारिका के ससुर की तबीयत दो जून को बिगड़ी तो उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दिए। तब 2 किलोमीटर दूर का रास्ता तय कर स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए बहू निहारिका ने रिक्शे का इंतजाम किया था परंतु ऑटो रिक्शा घर तक नहीं आ पाया था।

घर के अंदर और कोई अन्य सदस्य भी नहीं था। ऐसी स्थिति में बहु अपने ससुर को पीठ पर लादकर ऑटो स्टैंड तक ले गई उसके बाद जब वह स्वास्थ्य केंद्र से ऑटो से अपने ससुर को निकाला और पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंची। बता दें कि निहारिका का 6 साल का एक बेटा है जिसने इस दौरान अपनी मां की सहायता की थी।

जब निहारिका अपने ससुर को अस्पताल लेकर पहुंची तो उधर डॉक्टरों ने उसे कहा कि उनके ससुर की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है। इसी वजह से उनको 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोविड हॉस्पिटल में ले जाना पड़ेगा परंतु वहां पर एंबुलेंस और स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं मिली थी। ऐसी स्थिति में फिर से निहारिका ने अपने कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर लादकर गाड़ी तक ले गई। निहारिका ने अपने ससुर को बचाने की खूब कोशिश की परंतु वह अपने ससुर की जान बचाने में सफल नहीं हो पाई। इस दौरान निहारिका खुद भी कोरोना की चपेट में आ गई।