बेलपत्र की जड़ में होता है साक्षात लक्ष्मी जी का वास, करें ये उपाय, दूर हो जायेंगे सारे संकट
भगवान शिव जी एक ऐसे देवता है जो अपने भक्तों से सबसे शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने सच्चे मन से उन पर एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो यह इतने में ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं सावन का पवित्र महीना भगवान शिव जी को अति प्रिय है। इस महीने में लोग भगवान शिव जी की विशेष पूजा अर्चना करते हैं और कई लोग तो ऐसे भी हैं जो तरह-तरह के उपाय करके शिवजी को प्रसन्न करने का प्रयत्न करते हैं।
भगवान शिव जी की पूजा के दौरान भक्त बिल्वपत्र, धतूरा, आंकड़ा आदि चीजें अर्पित करते हैं। यह चीजें बहुत ही शुभ मानी जाती हैं। हिंदू धर्म में बिल्व पत्र भगवान शिवजी की आराधना का मुख्य अंग माना जाता है। इसके अलावा ऐसा बताया जाता है कि बिल्व पत्र की जड़ में साक्षात लक्ष्मी जी का वास होता है। इसी वजह से उसे श्रीवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप बेलपत्र के कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपको कई फायदे मिलेंगे।
जानिए बिल्वपत्र के उपाय
1. धार्मिक मान्यता अनुसार, अगर कोई व्यक्ति भगवान शिवजी को बिल्वपत्र अर्पित करता है तो इससे लक्ष्मी की प्राप्ति होती है क्योंकि बिल्व पत्र की जड़ में साक्षात लक्ष्मी जी का वास बताया गया है। इसीलिए इस वृक्ष को श्रीवृक्ष भी कहते हैं। अगर इसकी पूजा की जाए तो धन लाभ मिलता है।
2. शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अगर बिल्वपत्र की जड़ में घी, अन्न, खीर या मिष्ठान्न दान अर्पित किया जाए तो इससे दरिद्रता से छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं बल्कि जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। इसके अलावा अगर इस पेड़ की जड़ की विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाए तो सभी प्रकार के पापों से छुटकारा भी मिलता है।
3. अगर संतान सुख प्राप्ति की इच्छा हो तो ऐसी स्थिति में शिवलिंग पर फूल ,धतूरा, गंध और बिल्व पत्र अर्पित करने के पश्चात इस पेड़ की जड़ की पूजा जरूर करें। इससे बहुत ही जल्द संतान सुख की प्राप्ति होगी।
4. ऐसा माना जाता है कि बिल्व पत्र के वृक्ष की जड़ का जल अपने माथे पर लगाने से समस्त तीर्थ यात्राओं के पुण्य की प्राप्ति होती है।
5. अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित चल रहे हैं तो ऐसे में बिल्व पत्र की जड़ को पानी में घिसकर या फिर उबालकर औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल करें। ऐसा करने से कष्टकारी लोगों में यह अमृत के समान लाभकारी माना जाता है। इतना ही नहीं बल्कि बिल्व पत्र का सेवन करने से त्वचा से संबंधित रोग और डायबिटीज के बुरे प्रभाव को बढ़ने से भी यह रोकता है।
6. अगर आप भगवान शिवजी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए आप शिवलिंग पर बिल्व वृक्ष के पत्ते अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा में बेलपत्र अर्पित करता है तो उनको महादेव और देवी पार्वती दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।