हमने अधिकांश भारतीय किसानों को गेहूं, धान, बाजरा और अन्य सब्जियों लगाते हुए ही देखा है मगर बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले में एक नई तरह की खेती की जा रही है जिसे सुनकर किसान मालामाल हो जाएंगे. यह दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में से एक है और बिहार राज्य में इसकी खेती से यह चर्चे का विषय बनी हुई है. इस सब्जी का नाम ‘हॉप शूट्स’ है.
दरअसल हम बात कर रहे है बिहार के किसान अमरेश सिंह के बारे में. इनके द्वारा की गई खेती ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर दिया है एक ऐसी सब्जी उगाकर जिसकी विदेशी बाजारों में दम करीब 1 लाख रुपए प्रति किलो है. बिहार के औरंगाबाद जिले में रहने वाले और पेशे से किसान अमरेश सिंह ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. लाल की देखरेख में इसकी ट्रायल खेती शुरू की है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामकिशोरी लाल ने अमरेश सिंह को हॉप शूट्स सब्जी की पैदावार करने की सलाह दी थी और हिमाचल प्रदेश से इसके पौधे मंगवाए गए थे.
बता दे कि होप शूट बीयर और एंटीबायोटिक दवाओं को बनाने में इस्तमाल की जाती है और साथ ही टीवी के इलाज में भी काफी असरदार है. इसका इस्तेमाल करने से त्वचा चमकदार होती है और झुर्रियां नहीं पड़ती और इसीलिए यह ब्यूटी इंडस्ट्री में भी डिमांड में है. इन्हीं कारणों से यह सब्जी इतनी महंगी है. बता दे इसके पौधे को अमरेश ने 2 महीने पहले लगाया था और अब यह तैयार हो रही है. इस खेती के लिए अमरेश ने राज्य के कृषि विभाग से अनुरोध किया था जिसे विभाग ने स्वीकार किया.
वहीं अमरेश की देखरेख में तमाम किसान खेती कर रहे है. उनकी इस मेहनत से उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं. अमरेश शुरुआत में पारंपरिक खेती करते थे, बाद में उन्होंने सब्जियों भी लगाई लेकिन उन्हें इसमें ज्यादा कमाई नहीं हुई. इसके बाद अमरेश ने लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स (CSIR) से मेडिसिनल प्लांट की खेती की ट्रेनिंग ली और गांव लौटकर चार एकड़ जमीन पर इसकी खेती शुरू कर दी.
अमरेश ने एक बार बताया था कि बिहार के किसान अगर पारंपरिक तरीके को पीछे छोड़ वैज्ञानिक तरीके से खेती अपने कुछ जमीन पर धान गेहूं के अलावा करना शुरू करें तो वे आत्मनिर्भर बनेंगे तथा साथ ही उनकी आमदनी 10 गुना तक बढ़ सकती है. अमरेश किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से अपने खेत को दिखाते हैं ताकि उनका विकास हो सके. भारत एक कृषि प्रधान देश है ऐसे में इस प्रकार की खेती से देश एवं किसानों का भला हो सकता है.