नेत्रहीन पिता की बेटी बनी सब इंस्पेक्टर, 9 सालों तक मिली असफलता
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती यह कविता तो आप सभी ने सुनी ही होगी। लेकिन इस कविता को सच कर दिखाया हैं इस महिला ने, लगातार नौै सालों तक असफलता का मुंह देखने के बाद भी इसने हिम्मत नहीं हारी। नौ सालों की कड़ी मेहनत के बाद इस महिला ने सब इंस्पेक्टर के पद पर अपना नाम दर्ज करवा ही लिया। इस महिला के लिए इस पद को हासिल करना इतना भी आसान नहीं था।
जहा लोग एक अटेंप्ट में फेल होने के बाद अपनी राह बदल लेते हैं वहीं इस महिला ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए नौ साल लगा दिए और आखिरकार वह अपने सपनों को पूरा करने में कामयाब हो ही गई। आपको बता दें कि जिस महिला के बारे में हम आपको बताने वाले हैं वह राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर की रहने वाली हैं। इस महिला का नाम लक्ष्मी बताया जा रहा हैं।
नेत्रहीन होकर भी पिता ने नहीं छोड़ा साथ
कहा जा रहा हैं कि लक्ष्मी ने अपनी जीवन में शुरुआत से ही काफी संघर्ष किया। लक्ष्मी के पिता नेत्रहीन थे, इसके बावजूद उन्होंने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए उसकी मदद की। जानकारी के मुताबिक महिला के पिता रायचंद्र जो नेत्रहीन हैं। इसके अलावा लक्ष्मर के दो भाई भी हैं।
लक्ष्मी बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी रही। वह शुरु से ही पुलिस बनना चाहती थी। जिसके लिए उसने जी तोड़ मेहनत भी की। लक्ष्मी ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी शुरु कर दी। जिसके बाद उसने बाड़मेर में पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा को पार कर नियुक्ति भी हासिल कर ली। लेकिन लक्ष्मी का सपना केवल कांस्टेबल तक सिमित नहीं था।
नौ सालों के बाद पूरा हुआ सपना
वह सब इंस्पेक्टर बनना चाहती थी। अपने सपने के पूरा करने के लिए लक्ष्मी ने ड्यूटी करने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को जारी रखा। जब उन्हें ड्यूटी के बाद समय मिलता तो वह पढ़ाई करने लग जाती है। ऐसे में जब सालों तक लक्ष्मी को सफलता हासिल नहीं हुई तो लोगों ने उसे ताने मारने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन अब लक्ष्मी ने सभी के तानों का जबाव अपनी सफलता से दे दिया हैं।
नौ सालों के कड़े संघर्ष के बाद लक्ष्मी का चयन राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर में हो गया। लक्ष्मी के इस संघर्ष में उनके पिता ने उनका साथ कभी नहीं छोड़ा वे हमेशा लक्ष्मी को सपोर्ट करते रहे।