3000 से शुरू किया बिजनेस, मुसीबतों से लड़ते हुए खड़ी कर दी 130 करोड़ की कंपनी, ऐसी है नीलम मोहन की कहानी
हर कोई यही चाहता है कि वह अपने जीवन में सफल व्यक्ति बने। लेकिन सफलता सिर्फ सोचने से ही नहीं मिलती है। इसके लिए जीवन में कठिन मेहनत के साथ संघर्ष करना पड़ता है। वैसे देखा जाए तो लोग अपना खुद का कुछ काम करने के बारे में सोचते हैं। लेकिन लोग कहते हैं कि पैसा हो तभी पैसा बनाया जा सकता है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो ऐसा करते भी हैं।
कई लोग करोड़ों रुपए का निवेश करके अपना बिजनेस शुरू करते हैं। लेकिन जिनके पास इतना पैसा नहीं है, वह इंसान भला क्या करे। आर्थिक रूप से कमजोर इंसान तो कोई भी अपना काम शुरू करने से पहले कई बार सोचेगा। लेकिन आपको यह याद रखना होगा कि जिस के इरादे मजबूत हो तो कोई भी परेशानी आपका रास्ता नहीं रोक सकती है।
जी हां, यह बात नीलम मोहन ने साबित कर दिखाई है। नीलम मोहन बिजनेस जगत की उन हस्तियों में से हैं, जिन्होंने नाम मात्र की पूंजी से कंपनी खड़ी की और आज 130 करोड़ रुपए की मालकिन हैं।
महज 3000 रुपए से शुरू की कंपनी
जो लोग अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं लेकिन आर्थिक समस्या की वजह से नहीं कर पाते हैं, उन्हीं लोगों के लिए नीलम मोहन की कहानी प्रोत्साहित करती है। नीलम मोहन से हमें यह सीखना चाहिए कि किस प्रकार से महज 3000 रुपए लगाकर बिजनेस शुरू कर उसे 130 करोड़ रुपए की कंपनी में बदला जा सकता है।
हालांकि, नीलम मोहन का यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान बिल्कुल भी नहीं था। एक वक्त ऐसा भी आया था, जब उनकी कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी। मगर इन सबके बावजूद भी नीलम मोहन ने हार नहीं मानी, उन्होंने फिर से बहुत मेहनत की और अपने दम पर कंपनी को दोबारा से खड़ा कर दिया।
21 साल की उम्र में ही हो गई थी शादी
द वीकेंड लीडर की रिपोर्ट के मुताबिक, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से बीए करने वाली नीलम मोहन की शादी IIT-MBA प्रोफेशनल अमित मोहन तब हो गई थी जब वो महज 21 वर्ष की थीं और वह बीए थई ईयर की स्टूडेंट थीं। तब उन्हें शादी के बाद पति के साथ दिल्ली आना पड़ा। साल 1977 में 22 वर्ष की आयु में उन्होंने कनी फैशन नाम की कंपनी के साथ काम करना शुरू किया था।
साल 1978 में पहले बच्चे की प्रेग्नेंसी की वजह से एक लंबी छुट्टी लेनी पड़ी। उन्होंने दिल्ली में रहते हुए फ्रीलांसर के तौर पर पुरुषों के कपड़े डिजाइन करने का काम शुरू किया और यूपी एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के साथ मिलकर काम करने लगीं।
सैलरी मिलती थी सिर्फ 3000 रुपए
नीलम मोहन सिर्फ 3000 रुपए प्रति महीना की सैलरी पर काम कर रही थीं। इस नौकरी के दौरान उन्होंने अपना खुद का काम शुरू करने के बारे में सोचा। इसी सोच को सच की जमीन पर लाने के लिए उन्होंने अपने दोस्त हरमिंदर सालधी के साथ काम शुरू किया। हरमिंदर सालधी और दोस्त सुशील कुमार के साथ 1983 मैं ओपेरा हाउस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की। पहले वर्ष ही कंपनी का टर्नओवर 15 लाख रुपए पहुंचा। इसके बाद तो इनकी कंपनी लगातार तरक्की की राह पर चल पड़ी।
कभी नहीं हारी हिम्मत
निजी कारणों की वजह से नीलम मोहन को अपने पति से साल 1991 में अलग होना पड़ा। कंपनी के हिस्सेदारों से मतभेद होने की वजह से उसे भी छोड़ना पड़ा। इतना सब कुछ हुआ, मगर नीलम मोहन ने कभी हिम्मत नहीं हारी। चार दर्जियों के साथ उन्होंने साल 1993 में अपनी कंपनी शुरू की इसका नाम मंगोलिया ब्लॉसम रखा। नीलम ने एक घर खरीदा जिसे फैक्ट्री में तब्दील कर दिया। लेकिन 2002 में एक ऐसा भी पड़ाव आया जब कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई।
लेकिन इस संकट से उबरने में उनके दोस्त ने उनकी सहायता की। इसके बाद उनकी कंपनी चल पड़ी। अब नीलम मोहन की कंपनी का नेटवर्थ 130 करोड़ रुपए है। बता दें पढ़ाई कर अमेरिका से लौटे उनके बेटे सिद्धार्थ अपनी मां की इस कंपनी को संभालने में मदद करते हैं।