हिन्दू रीति रिवाज में विवाह का बहुत महत्त्व होता है. हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि दो लोगो की जोड़ियां भगवान ऊपर से बना कर भेजते है. ऐसे में शादी विवाह को किसी त्योहार की तरह मनाया जाता है जिसमे कई तरह तरह के रिवाज़ो से दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद दिया जाता है. हिन्दू धर्म में विवाह को इंसान के 16 संस्कार में से एक माना जाता है. अक्सर ऐसा होता है कि जातक विवाह योग्य होता है सारी स्थिति अनुकूल होती है मगर विवाह में अलग अलग प्रकार के रुकावट आते हैं और कहीं भी विवाह तय नहीं हो पाता है.
आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के विषय मे बताएंगे जहाँ दर्शन कर लेने से विवाह में उपस्थित रुकावट खत्म हो जाती है. लोगो की ऐसी मान्यता है कि यह प्राचीन मंदिर महाभारत के समय का है और इसमें बहुत शक्ति है. यह श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ हमेशा रहती है. लोग मानते है यह उनकी हर इच्छा पूरी हो जाती है. हालांकि इस मंदिर को कुँवारों के लिए वरदान कहा जाता है जो भी कुँवारा या कुँवारी वहां दर्शन कर पूजा अर्चना करती है उसके विवाह में कभी कोई रुकावट नही आती है. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मैगलगंज में गोमती किनारे मडिया घाट पर स्थित इस मंदिर को बाबा पारसनाथ के नाम से भी लोग जानते हैं.
दरअसल मान्यता यह है कि महादेव के इस मंदिर के संबंध में जनश्रुति है महर्षि वेदव्यास के पिता श्री पारसनाथ द्वारा इस शिवलिंग की स्थापना की गई. गोमती के तट पर स्थित इस मंदिर में लोग गोमती से जल ले के अर्पित करते हैं. यह स्थान इतना खूबसूरत है जब आप यहाँ जाएंगे तो यहाँ से वापस आने का मन ही नही करेगा. बहरहाल मंदिर के निर्माण के बारे में बस इतना ही कहा जा सकता है कि सन 1800 ई. की ईंट यहां आज भी लगी हुई है. बताते है कि मुगल शासक ने इस मंदिर पर आक्रमण किया था. मंदिर से निकले बिच्छुओं ने मुगलों की सेना को परास्त कर दिया था. मंदिर के दक्षिण में रखी खंडित मूर्तियां इस बात की गवाही देती है.
वहीं इस मंदिर के दर्शन के लिए दुनिया भर से लोगो की अच्छी खासी भीड़ लगी रहती है. खास कर जिन लोगों के विवाह में रुकावट आ रहा वह अपने विवाह से बाधा दूर करने के लिए यहाँ आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. अगर आप कुंवारे हैं तो जरूर इस मंदिर में जाएं और शादी हो चुकी है तो आप यहां के वातावरण का और भगवान की पूजा में लीन हो सकते है.