आचार्य चाणक्य अपने समय के महान विद्वान माने जाते थे। यह जीवन दर्शन के ज्ञाता थे। उन्होंने जीवन में जो अनुभव प्राप्त किया था उसका चाणक्य नीति में उल्लेख किया है। अगर कोई व्यक्ति चाणक्य की नीतियों पर अमल करता है तो वह अपने जीवन की बहुत सी परेशानियों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। इन नीतियों पर अमल करने से व्यक्ति अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें कूटनीति और राजनीति में महारत हासिल थी।
आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी और वहीं पर अध्यापक के पद पर विद्यार्थियों को शिक्षा भी दी। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र नामक पुस्तक की रचना की है जिसमें मनुष्य के जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी बातों का उल्लेख किया गया है। वर्तमान समय में भी आचार्य चाणक्य की नीतियां जीवन में लागू होती हैं। आचार्य चाणक्य की शिक्षाएं मनुष्य को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
आचार्य चाणक्य ने ऐसी तीन चीजों के बारे में जिक्र किया है जिसको कभी भी छोटा समझने की भूल नहीं करनी चाहिए अन्यथा इसकी वजह से आपको अपने जीवन में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं चाणक्य नीति अनुसार किन तीन चीजों को छोटा नहीं समझना चाहिए…..
ऋण (कर्ज) को न समझे कभी छोटा
इंसान अपने जीवन में कभी ना कभी ऋण यानी कर्ज जरूर लेता है परंतु आचार्य चाणक्य के अनुसार इंसान को कभी भी ऋण को छोटा नहीं समझना चाहिए अन्यथा आगे चलकर यह कर्ज बढ़ता जाएगा जिसके कारण आपकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर होती जाएगी, जिसकी वजह से आपके सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। इसलिए आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि कर्ज को जितना जल्दी चुका दिया जाए उतना ही अच्छा है। कभी भी कर्ज को छोटा ना समझे और जल्द से जल्द कर्ज चुकाने की कोशिश करें।
शत्रु को कभी छोटा न समझे
आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य को कभी भी शत्रु को छोटा नहीं समझना चाहिए, जो लोग अपने शत्रु को छोटे समझते हैं उनको अपने जीवन में कभी ना कभी भारी नुकसान झेलना पड़ जाता है क्योंकि अक्सर मनुष्य अपने शत्रु को अगर छोटा समझता है तो वह सावधानी नहीं बरतेगा, जिसका फायदा शत्रु उठाकर आपके ऊपर अचानक ही हमला कर सकता है, जिसकी वजह से आपको नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसलिए आप आचार्य चाणक्य की बताई गई इस बात का ध्यान रखें।
रोग को नहीं समझना चाहिए छोटा
आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि इंसान को कभी भी रोग की अवस्था को छोटा समझकर भूल कर भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जो मनुष्य किसी भी प्रकार के रोग को छोटा समझकर औषधि लेने में लापरवाही करता है, तो उसे आगे चलकर स्वास्थ्य संबंधित बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि छोटा रोग ही समय के साथ-साथ बहुत बड़ा रोग बन जाता है, जिसके कारण मनुष्य की जान जाने का भी खतरा बढ़ता है। इसलिए चाहे कोई भी रोग हो आप उसका समय पर इलाज करा लें अन्यथा आगे चलकर आपको ही नुकसान उठाना पड़ेगा।