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चाणक्य नीति: पत्नी के ये गुण बनाते हैं व्यक्ति को भाग्यशाली, पूरा जीवन रहता है सुखमय

आचार्य चाणक्य अपने समय के एक महान विभूति थे। आचार्य चाणक्य की बुद्धि बहुत ज्यादा तेज थी उन्होंने अपनी बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को ही बदल दिया था। आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विख्यात हैं। भले ही सदियों गुजर चुकी हैं परंतु उसके बावजूद भी आचार्य चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियां आज भी बेहद कारगर साबित होती हैं। अगर व्यक्ति इन नीतियों पर ध्यान देता है तो वह अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है।

आचार्य चाणक्य की नीतियां मनुष्य का मार्गदर्शन करती हैं। नीतिशास्त्र में पुरुष, स्त्री, बच्चे और बुजुर्ग हर वर्ग के बारे में बहुत कुछ बताया है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में मनुष्य के गुणों और अवगुणों के बारे में भी उल्लेख किया है। उन्होंने अपनी नीतिशास्त्र में रिश्तो को लेकर भी कई महत्वपूर्ण जानकारी लोगों को दी है। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति सही व्यक्ति और सही रिश्तो का चुनाव कर पाएगा।

आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के ऐसे 3 गुणों के बारे में उल्लेख किया गया है जो सबसे श्रेष्ठ माने गए हैं। महिलाओं के यह गुण उनको श्रेष्ठ बनाते हैं। अगर किसी व्यक्ति की पत्नी में यह गुण मौजूद है तो समझ लो वह व्यक्ति भाग्यशाली साबित होगा और उस व्यक्ति का जीवन सुखमय रहेगा।

धन का संचय करना

आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि अगर कोई स्त्री धन का संचय करने वाली होती है तो वह अपने परिवार को बुरी समय से आसानी से निकाल लेती है। चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि संचय किया गया धन बुरे समय में व्यक्ति के काम आता है। अगर कभी खराब परिस्थितियां उत्पन्न होने लगे तो ऐसे में संचय किया गया धन आपके काम आएगा। अगर किसी व्यक्ति की पत्नी की आदत धन संचय करने की है तो वह व्यक्ति बुरे समय को भी आसानी से पार करने में सक्षम रहता है।

धर्म का पालन करने वाली स्त्री

चाणक्य नीति अनुसार स्त्री-पुरुष दोनों को ही धर्म का पालन करना चाहिए। अगर कोई स्त्री धर्म का पालन करने वाली है तो उसको सही और गलत में अंतर अच्छी तरह से पता होता है। जो महिला धर्म का पालन करती है वह हमेशा सत्कर्मों की तरफ प्रेरित होती है और अपनी संतान को भी सुसंस्कारी बनाती है। ऐसी महिला हमेशा अपने कर्तव्य का निर्वहन करती है। महिला के यह गुण परिवार का ही नहीं बल्कि कई पीढ़ियों का कल्याण करती है। ऐसी महिला अपने पूरे परिवार का मान बढ़ाती है। हर जगह-मान सम्मान की प्राप्ति होती है।

विनम्रता और दयालु का गुण

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में यह बताया है कि अगर किसी व्यक्ति की पत्नी में दयालुता और विनम्रता का गुण मौजूद है तो वह हमेशा परिवार और रिश्तो को संजोकर रखती है। इस तरह की स्त्री दूसरों की भलाई के बारे में अधिक सोचती है। जिस घर की महिला में यह गुण मौजूद होते हैं उस घर में सुख-शांति बनी रहती है। जिस व्यक्ति की पत्नी में यह गुण होते हैं उसका परिवार हमेशा खुशहाल रहता है और व्यक्ति अपना जीवन हंसी खुशी व्यतीत करता है।

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