Chanakya Niti: मुश्किल समय में इन बातों को रखें ध्यान, आसानी से हर कठिनाई को कर लेंगे पार

इस संसार में हर किसी मनुष्य के जीवन में बहुत सी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जिसका जीवन एक समान व्यतीत हो। जब व्यक्ति के जीवन में खुशियां होती है तो उसको किसी बात की चिंता नहीं रहती है परंतु जीवन में जैसे ही परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं, व्यक्ति विचलित हो उठता है और अपनी परेशानियों को जल्द से जल्द दूर करने का तरीका ढूंढता है। अगर आप भी अपने जीवन की परेशानियों को आसानी से पार करना चाहते हैं तो ऐसे में आचार्य चाणक्य की नीतियां आपके काम आ सकती हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में ऐसे कई रास्ते बताए हैं जिनकी मदद से व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है और हर कठिनाई को आसानी से पार कर सकता है।

आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री और श्रेष्ठ विद्वान थे। आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्र के ज्ञाता थे, जिसकी वजह से उनको कौटिल्य भी कहा जाता था। उनको राजनीति और कूटनीति में महारत हासिल थी। उन्होंने अपनी नीतियों के बल पर ही अपने शत्रु घनानंद का नाश किया और चंद्रगुप्त मौर्य को एक साधारण बालक से मौर्य वंश का शासक बनाया था।

आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां आजकल के समय में भी लोगों के जीवन पर लागू होती है। नीतिशास्त्र में बताई गई बातों का अगर व्यक्ति पालन करता है तो इससे अपने जीवन की बहुत से परेशानियों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जिक्र किया है, जिनको अगर ध्यान रखा जाए तो विपरीत परिस्थितियों को भी आसानी से पार किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं चाणक्य नीति इस बारे में क्या कहती है।

बुरे समय में धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखें

ज्यादातर देखा गया है कि लोगों के जीवन में जब भी बुरा समय आता है तो वह अपना धैर्य खो बैठते हैं और आत्मविश्वास में भी कमी आ जाती है परंतु यहां पर आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि व्यक्ति को बुरे समय में अपना धैर्य और आत्मविश्वास बिल्कुल भी नहीं खोना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के पास यह दोनों गुण मौजूद हैं तो वह विषम परिस्थितियों से निकलने में सक्षम हो सकता है। आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य ने धैर्य और आत्मविश्वास के बलबूते ही अपने शत्रु को पराजित किया था। विषम परिस्थितियों में भी आचार्य चाणक्य ने अपना धैर्य और आत्मविश्वास नहीं खोया था।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में इस बात का जिक्र किया है कि हर परिस्थिति में मनुष्य को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अगर कभी जीवन में विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न हो जाए तो व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। अगर सेहत का ध्यान ना रखा जाए तो इसकी वजह से मुश्किल समय में समस्या और अधिक बढ़ जाती है।

धन संचय करके रखना चाहिए

आचार्य चाणक्य यहां पर यह बताना चाहते हैं कि मनुष्य को अपने जीवन में धन संचय करने की आदत डाल लेनी चाहिए क्योंकि संकट के समय में संचय किया गया धन ही काम आता है। जो व्यक्ति धन संचय करके रखता है, बुरे समय आने पर वह उसे बहुत आसानी से पार कर लेता है। अगर धन की कमी है तो व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों की चुनौतियों को पार करने में बहुत ज्यादा कठिनाई होती है।