आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया गया है। अगर कोई व्यक्ति आचार्य चाणक्य की नीतियों को ध्यान में रखता है तो वह अपने जीवन में आने वाली समस्याओं से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। आजकल के समय में भी आचार्य चाणक्य की नीतियां बेहद कारगर साबित होती है। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में मनुष्य के हित में बहुत सी बातों का जिक्र किया है।
चाणक्य ने नीतिशास्त्र में स्त्रियों के बारे में भी महत्वपूर्ण बातें बताइ हैं। उन्होंने अपनी नीति शास्त्र में ऐसी महिलाओं का उल्लेख किया है, जिनसे व्यक्ति को हमेशा दूर ही रहना चाहिए अन्यथा इसकी वजह से व्यक्ति परेशानी में आ सकता है। इतना ही नहीं बल्कि घोर अपमान का भी सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में कौन सी स्त्रियों से दूरी बनाकर रखने की बात कही है, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
कुसंस्कारी महिला
आचार्य चाणक्य ने यहां पर ऐसी महिलाओं के बारे में बताया गया है जो संस्कारी नहीं होती हैं। जो महिला अच्छे संस्कार वाली ना हो उनसे हमेशा दूरी बना कर रखना ही भलाई का काम होता है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि तन की सुंदरता तो कुछ समय तक ही रहती है परंतु मन की सुंदरता जीवन भर बनी रहती है। अगर कोई अच्छे संस्कार वाली महिला के साथ रहता है तो उस व्यक्ति का जीवन सुखी पूर्वक व्यतीत होता है और उसको मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है परंतु कुसंस्कारी महिला के साथ रहने से मान-सम्मान को हानि पहुंचती है।
चरित्रहीन महिला
आचार्य चाणक्य ने यहां पर चरित्रहीन महिला के बारे में बताया है। जो महिला एक से अधिक पुरुषों से संबंध रखती है उसे समाज ठीक नहीं मानता है। इस तरह की महिला से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि इस तरह की महिला के घर का भोजन करना भी पाप की श्रेणी में आता है। जो महिला बुरे कर्म करती है, मदिरापान करती है, हमेशा ही बुराई में खोई रहती है, उस महिला से दूर रहने में ही भलाई है। अगर कोई व्यक्ति ऐसी महिला के साथ रहता है तो उसको समाज में मान-सम्मान की हानि का सामना करना पड़ता है इतना ही नहीं बल्कि व्यक्ति मुसीबत में भी फंस सकता है। अगर आपको इस तरह की कोई महिला दिखे तो आप तुरंत ही दूर हो जाएं अन्यथा कोर्ट कचहरी के मामलों में भी फंस सकते हैं।
दुष्ट स्वभाव की महिलाएं
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में इस बात का जिक्र किया है कि दुष्ट स्वभाव वाली महिला से हमेशा दूरी बनाकर रखने में ही भलाई है क्योंकि इस प्रकार की महिला अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाती है। इस प्रकार की महिला अपने स्वार्थ के लिए समय आने पर किसी को भी अपमानित कर सकती है और किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसी महिलाओं से अगर व्यक्ति संपर्क में रहता है तो उसका सर्वनाश हो सकता है। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कभी भी ऐसी महिला के साथ नहीं रहना चाहिए वरना शारीरिक हानि के साथ-साथ मान-सम्मान की हानि का भी सामना करना पड़ेगा।