इस दिन से लग रहा है चातुर्मास, कर लें ये 5 काम, हर मनोकामना हो जाएगी पूरी
हिंदी पंचांग के अनुसार चौथा महीना आषाढ़ का होता है और आषाढ़ मास आरंभ हो चुका है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो आषाढ़ मास का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इसी मास में चातुर्मास भी शुरू होता है। इस बार 12 जुलाई 2021 से चातुर्मास लगने वाला है। ऐसा माना जाता है कि आषाढी एकादशी के दिन सहित चार महीनों के लिए सभी देव सो जाते हैं। चातुर्मास की अवधि कुल मिलाकर चार महीनों की होती है। यह आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होकर कार्तिक एकादशी तक रहता है और इसी चार महीने के अंदर श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक आता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने को बहुत ही पवित्र बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी पाताल लोक में जाकर सो जाते हैं और इस समय के दौरान धरती पर नकारात्मक ऊर्जा का असर बढ़ने लगता है। इस समय किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। चातुर्मास को पूजा-पाठ और अध्यात्मिक के लिए उपयुक्त माना जाता है। अगर इस मास में भगवान विष्णु और भगवान शिव जी की पूजा की जाए तो इससे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर आप चातुर्मास में अपनी मनोकामना को पूर्ण करना चाहते हैं तो ये पांच कर सकते हैं।
मनोकामना पूरी करने के लिए चातुर्मास में करें ये 5 काम
भगवान विष्णु जी की पूजा कीजिए
आप चातुर्मास के दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की पूजा जरूर करें। आप रोजाना सुबह के समय उठकर स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात भगवान की पूजा करें और सुबह और शाम विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ कीजिए। इसके अलावा “ॐ नमोः नारायणाय” और “ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप सुबह और शाम कीजिए।
दान पुण्य करें
हिंदू धर्म में दान करने का बहुत महत्व माना गया है। आप इस 4 महीने के दौरान पांच प्रकार के दान कर सकते हैं। पहला यह है कि किसी भी निर्धन या पशु पक्षी को भोजन कराएं। दूसरा नदी के जल में दीप दान करें या फिर मंदिर के अंदर दीपक जलाएं। तीसरा गरीब लोगों को वस्त्र दान कीजिए। चौथा कटोरी के भीतर सरसों का तेल लेकर उसमें आप अपना चेहरा देखें और उसे किसी भी शनि मंदिर में दान कर दीजिए और पांचवा किसी भी मंदिर या आश्रम में आप अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
साधु की तरह जीवन व्यतीत करें
आप चातुर्मास के दौरान एक साधू की तरह अपना जीवन व्यतीत करें। आप एक बार ही भोजन का सेवन कीजिए। सूर्योदय से पहले उठने का प्रयास जरूर करें। चातुर्मास के दौरान रोजाना स्नान करना चाहिए और मौन धारण करने की कोशिश कीजिए। इस समय के दौरान आप बेकार की बातों पर ध्यान ना दें।
ध्यान योग करें
आप इस दौरान रोजाना प्रात: काल उठकर 20 मिनट का ध्यान जरूर कीजिए और सूर्य नमस्कार करना ना भूलें।
भोजन का त्याग
आप चातुर्मास के दौरान तेल से बनी हुई चीजों का सेवन मत कीजिए। आप इस दौरान दूध, दही, शक्कर, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन, बैंगन, मसालेदार खाना, मिठाई, सुपारी, मांस-मदिरा, तेल जैसी चीजों का सेवन करने से बचें।