जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि चिराग पासवान एक भारतीय राजनीतिज्ञ और लोक जनशक्ति पार्टी के राजनेता है. इन दिनों यह राजनेता खूब सुर्खियों का विषय बने हुए हैं इसके के पीछे का कारण यह है कि जो काम इनके पिता स्वर्गीय श्री रामविलास पासवान भी नहीं कर पाए थे वह काम इन्होंने कर दिखाया है. चिराग ने अपने टूटे हुए परिवार को पूरे 44 साल बाद एक बार फिर से एकजुट कर दिया है. जानकारी के लिए बता दें चिराग पासवान के पिता की दो पत्नियां है जो कि काफी लंबे समय से एक-दूसरे से अलग रह रही थी लेकिन लगभग चार दशकों के बाद चिराग ने अपने पिता की दोनों पत्नियों को एक बार फिर से मिलवा दिया है. इस काम को करने में चिराग के पिता रामविलास पासवान भी असफल रहे थे.
दरअसल बात कुछ यूं थी कि चिराग के पिता रामविलास ने अपनी जिंदगी में दो विवाह रचाए थे. इन्होंने पहली शादी राजकुमारी देवी के साथ रचाई थी जो कि इनके होमटाउन शहरबन्नी में ही अपनी जिंदगी व्यतीत कर रही हैं. वहीं रामविलास पासवान ने दूसरी बार पासवान के साथ सात फेरे लिए.
दूसरी शादी के बाद रामविलास पासवान बहुत ही कम अपने गांव में गए. रामविलास पासवान के इस दुनिया से चले जाने के बाद पहले से टूटा हुआ परिवार और ज्यादा टूट गया जब उनके भाई पशुपति पारस पार्टी से बगावत करते हुए खुद केंद्र मंत्री बन बैठे और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान अकेले रह गए.
अकेले होने के बाद चिराग पासवान ने अपने परिवार को एक बार फिर से जोड़ना शुरु कर दिया. बीते शुक्रवार चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान के साथ अपने पिता के गांव शहरबन्नी पहुंचे. यहां अपनी मां रीना पासवान को अपनी दूसरी मां राजकुमारी देवी के पास ले गए और राजकुमारी देवी का आशीर्वाद लिया.
इसके बाद यह राजनेता अपनी मां रीना पासवान के साथ अपनी दादा दादी जी की समाधि पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा वह गांव के सेकेंडरी कम हाई स्कूल भी पहुंचे जहां उनके पिता ने अपनी शिक्षा पूरी की थी. उन्होंने बताया कि मेरे पिता शिक्षा प्राप्त करने के लिए इस स्कूल में नदी पार करके आया करते थे.
रामविलास पासवान ने इस बात का भी खुलासा किया कि इस स्कूल के हालात सुधारने के लिए उनके पिता ने स्कूल में कंप्यूटर लैब और लाइब्रेरी का निर्माण भी करवाया था. रामविलास पासवान की दोनों पत्नियों की यह मुलाकात हुई तो थोड़े थोड़े ही समय के लिए लेकिन लंबे समय के बाद इस पारिवारिक मिलन ने परिवार के साथ गांव वालों को भी भावुक कर दिया. पारिवारिक मिलन के दौरान रामविलास पासवान की दोनों पत्नियों ने मिलकर अपने बेटे चिराग को आशीर्वाद दिया. आखिरकार चिराग ने अपने बिखरे हुए परिवार को एक बार फिर से मिलाना शुरू कर दिया है और जल्द ही यह परिवार एक होता हुआ दिखाई देगा.