पिता के निधन के बाद पहली बार सौतेली माँ से मिले चिराग पासवान,गले लगा कर राजकुमारी देवी ने कही ये बात…
इस बार बिहार चुनावों में दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए से अलग हो कर अकेले ही चुनाव में उतर रही है. बता दें कि हाल ही में रामविलास पासवान के गुजर जाने के बाद उनके घर परिवार और पार्टी की पूरी जिम्मेदारी उनके बेटे चिराग पासवान पर आ गई है. ऐसे में अब चिराग को अकेले ही सब हैंडल करना है. इस बीच रामविलास की पहली पत्नी राजकुमारी देवी हाल ही में मीडिया के सामने आई हैं. बता दें कि चिराग उनके रिश्ते सौतेले बेटे लगते हैं.
पैतृक गाँव में मिले सौतेली माँ से
मीडिया से बातचीत करते हुए रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने बताया कि वह पति के अंतिम दर्शन करने गाँव से पटना गई थी. हालाँकि उनके दूसरी शादी करने के बाद से वह उनसे काफी दूर रहने लगी थी. लेकिन वहीँ अब पिता की अस्थियों का विसर्जन करने के लिए चिराग पासवान उनके पैतृक गाँव शहरबन्नी पहुंचे. इस बीच उन्होंने पहली बार अपनी सौतेली माँ से भेंट की थी. राजकुमारी देवी ने बताया कि चिराग ने उनसे उनका आशीर्वाद लिया और काफी सारी बातें भी की.
चिराग ही है अब सहारा
राजकुमारी देवी ने मीडिया संग बातचीत के दौरान बताया कि, “जब मेरे पति जिंदा थे और चिराग पासवान ने कभी मुझसे बात तक नहीं करनी ठीक समझी थी. लेकिन अब जब रामविलास जिंदा नहीं हैं तो चिराग ही मेरा अंतिम सहारा है जिसे मेरा ख्याल रखना होगा.” उन्होंने बताया कि चिराग और उनकी मुलाकात अब काफी सालों बाद जा कर हुई है. ऐसे में जब चिराग उनके सामने आए तो ना केवल उनके पैर छुए बल्कि उन्हें गले से भी लगा लिया था. साथ ही चिराग ने बिहार में होने वाले चुनावों के लिए राजकुमारी देवी से जीत का आशीर्वाद भी लिया. राजकुमारी देवी के अनुसार, “चिराग को मेरी बातें माननी चाहिए क्यूंकि अब मैं उनकी हर बात मानूंगी.”
इससे पहले भी हुई थी चिराग से मुलाकात
राजकुमारी देवी ने बताया कि रामविलास पासवान के जिंदा रहने के दौरान भी आज से ठीक 5 साल पहले उनकी मुलाकात चिराग से हुई थी. ऐसे में निधन के समय में यह उनकी उनसे दूसरी मुलाकात रही है. आज तक चिराग कभी उनसे मिलने या आशीर्वाद लेने नहीं आए थे लेकिन अब पिता के जाने के बाद चिराग अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि रामविलास पासवान की पहली पत्नी यानि राजकुमारी आज भी खगड़िया जिले के पैतृक गाँव शहरबन्नी में रह रही हैं.