बैलगाड़ी पर सवार दूल्हा, ऊंट-घोड़ों पर बाराती… चर्चा में है ये अनोखी शादी, देखिए तस्वीरें
शादियों के सीजन में बहुत से लोग शादी के पवित्र बंधन में बंध कर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर रहे हैं। इन दिनों ऐसी कई शादियां हैं, जो काफी चर्चा में हैं। इसी बीच राजस्थान के दौसा जिले में अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। जी हां, आप सभी लोगों ने शादियों के दौरान कई तस्वीरें देखी होंगी, जिसमें दूल्हा हेलीकॉप्टर से पहुंचता है तो कोई लग्जरी गाड़ी से बारात लेकर पहुंचता है। लेकिन दौसा जिले में एक शादी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल, इस शादी में बारात बैलगाड़ी से दुल्हन के घर पहुंची। जी हां, यहां दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंचा। वहीं बाराती ऊंट और घोड़े पर सवार थे। जैसे ही सड़क पर बारात निकली तो इस अनोखी शादी को देखकर हर कोई हैरान रह गया। ऊंट-घोड़ा और बैल गाड़ियों से पहुंची बारात को देखने के लिए आसपास के इलाके के लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए।
बिजनेसमैन के बेटे की बैल गाड़ियों, ऊंट और घोड़ों पर निकली बारात
आपको बता दें कि दूल्हे के पिता का नाम प्रह्लाद मीणा है, जो गुजरात के अहमदाबाद में बिजनेस करते हैं। ऐसे में दुल्हन के परिवार को यह उम्मीद थी कि दूल्हा बड़ी-बड़ी गाड़ियों में आएगा, बाराती भी विशेष गाड़ियों में बैठकर आएंगे। लेकिन रामगढ़ पचवारा क्षेत्र के अमराबाद निवासी भामाशाह प्रहलाद मीणा ने अपने बेटे विनोद की बारात बैल गाड़ियों, ऊंट और घोड़े पर निकाली।
जब बारात बैलगाड़ी से पहुंची तो सभी देखते ही रह गए। बारात के लिए ऊंटों और बैलों को सजाया गया। ऑर्केस्ट्रा की चमक-दमक से दूर पारंपरिक अंदाज में ऊंट और बैल गाड़ियों से बाराती पहुंचे। यह शादी आसपास के इलाके में काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।
8 ऊंट गाड़ियों, 10 ऊंट, 7 बैल गाड़ियों, 10 घोड़ों पर सवार थे बाराती
8 ऊंट गाड़ियां, 7 बैलगाड़ियां, 10 ऊंट व 10 घोड़ों पर बाराती बैठे थे। जब बारात सड़क पर निकली, तो लोग देखते ही रह गए। अनोखी बारात में शामिल हुए बारातियों ने खूब आनंद महसूस किया। वह नाचते गाते हुए चल रहे थे।
बारात को अमराबाद से रायमलपूरा पहुंचने में 3 घंटे का समय लगा। दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार था। साथ में डीजे बज रहा था। यह शादी सिर्फ बैलगाड़ी से ही यादगार नहीं बनी बल्कि इस शादी को दहेज मुक्त भी रखा गया।
ऐसा बताया जा रहा है कि शादी में विनोद के परिजनों ने सिर्फ एक नारियल और ₹1 लेकर शादी की। सारे जेवरात भी वह खुद ही लेकर आए। विनोद ने बताया कि समाज में दहेज की बड़ी समस्या है। इस परंपरा को तोड़ेंगे। एक अच्छी शुरुआत करेंगे। लेकिन बैल गाड़ियों में बैठकर आई बारात को देखकर हर कोई हैरान रह गया।
वहीं दूल्हे के पिता प्रहलाद मीणा के द्वारा ऐसा बताया गया कि जब हमने लड़की वालों से बात की, तो उन्होंने कहा कि हम किसान परिवार से आते हैं। किसानों के बीच पशुओं का महत्व है। पहले बैलगाड़ी पर ही बारात आती जाती थी। समय के साथ अब सब कुछ बदल गया है।
दूल्हे के पिता ने यह बताया कि उनकी बात सुनकर हमने इस परंपरा को युवाओं में वापस लाने की यह पहल की है। वहीं दुल्हन का कहना है कि सुनते थे कि पहले के जमाने में बारात बैलगाड़ी पर आती थी। आज जब मेरी शादी में बाराती बैलगाड़ी पर आए तो हमें बहुत अच्छा लगा।