जब एक ही झटके में दीपिका सिंह का परिवार हो गया था कंगाल ,स्कूल भी पड़ गया था छोड़ना, एक्ट्रेस ने बताई अपनी स्ट्रगल स्टोरी
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कई ऐसे सितारे मौजूद हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी में बेहद गरीबी का दौर देखा है परंतु तमाम मुश्किल परिस्थितियों का फेर बदल कर इन सितारों ने अपनी जिंदगी में सुनहरा वक्त ले आया है| इन्हीं सितारों में से एक है छोटे पर्दे की बेहद ही पॉपुलर और सफल अभिनेत्री दीपिका सिंह जिन्होंने टीवी सीरियल दीया और बाती हम में संध्या बिंदनी का किरदार निभा कर गजब की लोकप्रियता हासिल की है|
दीपिका सिंह आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है इन्होंने अपने अभिनय कौशल के बदौलत टेलीविजन इंडस्ट्री में सफलता का एक बड़ा मुकाम हासिल किया है और भले ही दीपिका सिंह लंबे समय से एक्टिंग इंडस्ट्री से दूर है लेकिन इनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है| दीपिका सिंह ने आज जो भी मुकाम हासिल किया है उसके लिए उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है और इनका बचपन बेहद गरीबी और किल्लत में बीता है| कई बार तो पैसों की किल्लत की वजह से दीपिका सिंह को स्कूल से जलील कर कर बाहर कर दिया जाता था |
हालांकि दीपिका सिंह ने अपनी जिंदगी में कभी हार नहीं मानी और वह तमाम मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी जिंदगी को संवारा है और इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बनाई है| दीपिका सिंह ने हाल ही में अपने एक लेटेस्ट साक्षात्कार के दौरान अपने बचपन के दिनों की संघर्ष की कहानी बयां की है और उन्होंने बताया है कि उन्हें किस तरह से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था|
दीपिका सिंह ने अपने इस इंटरव्यू में बताया कि आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से कई बार स्कूल में उन्हें जलील होना पड़ा था और उनकी प्रिंसिपल ने तो उन्हें यह तक कह दिया था कि यदि यह सब चीज तुम्हारे बस की नहीं है तो तुम प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई क्यों कर रही हो| दीपिका सिंह ने अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा की,” इतना सब कुछ देखने और सुनने के बाद मेरी समझ में आ रहा था कि फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह से मेरी स्कूल बस की फीस जमा नहीं हो पा रही थी |
ऐसे में एक दिन मेरी प्रिंसिपल ने मुझसे कहा था कि यदि आपके पास बस का फीस नहीं है इतने बड़े स्कूल में क्यों आती हो और प्रिंसिपल मैडम की यह बात सुनने के बाद मैंने यह सोच लिया कि एक दिन मैं अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा करूंगी कि इस स्कूल को अपने किए पर पछतावा होगा..”| दीपिका सिंह ने आगे कहा कि इसके बाद मैंने खुद सरकारी स्कूल में दाखिला करवा लिया था और उन्होंने यह भी बताया कि मैंने सरकारी स्कूल में दाखिला अपने पिता को बिना बताए करवाया था क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि मैं अपना पुराना स्कूल छोड़ूं”|
दीपिका सिंह ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उनके पिताजी दिल्ली में बिजनेस किया करते थे और उस वक्त दीपिका आठवीं कक्षा में पढ़ रही थी और तभी अचानक से उनके पिता के कारोबार में तगड़ा झटका लग गया था और उनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद बिगड़ गई थी और इसके कुछ समय बाद ही उनके पिता एक दुर्घटना के शिकार हो गए जिसकी वजह से परिवार की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई|अपनी जिंदगी में कठिन संघर्षों और लगन के बदौलत दीपिका सिंह ने अपने कैरियर में बेशुमार नाम और शोहरत कमाया है|