कहते है सुखी दांपत्य जीवन नसीब की बात है. आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे जो आपको हैरत में डाल देगी. दरअसल, यह मामला एक ऐसे पति पत्नी का है जिनकी शादी को अभी एक वर्ष भी पूर्ण नहीं हुआ था कि किस्मत ने दोनों के एक-दूसरे से दूर कर दिया था. लेकिन आख़िरकार अब उनकी दुआ कबूल हुई और अब वे 72 साल बाद एक दूसरे से मिले है. जी हाँ, कुन्नूर में रहने वाली शारदा नामक महिला अपने पति से 72 साल बाद मिल पाई है. बता दें कि 85 वर्षीय शारदा जी के पति नारायणन अब 93 वर्ष की हो चुके हैं.
हालाकि यह किस्सा हैरान करने वाला है मगर सत्य है. आपको बता दें कि साल 1946 में शारदा और नारायणन की शादी हुई थी. उस जमाने के हिसाब से दोनो की शादी उम्र से बहुत पहले कर दी गई थी. उस वक्त शारदा 13 वर्ष की थी और नारायणन 17 वर्ष के थे. उनकी शादी को एक वर्ष भी नहीं पूरे हुए थे कि इन दोनों को अलग होना पड़ा था. अलग होने का कारण कुछ इस प्रकार है. नारायणन ने मुंबई के किसान आंदोलन में अपने पिता के साथ हिस्सा लिया था और इसी कारण इन्हें अपने पिता के साथ अंडरग्राउंड होना पड़ गया था.
वहीं पुलिस ने उन्हें बाद में पकड़ लिया और उन्हें जेल में डाल दिया. पुलिस घर पर शारदा और उनकी सास को भी गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी. लेकिन शारदा की सास अपनी बहू के साथ भाग गई और बच गई थी. पुलिस ने नरण के घर को आग के हवाले तक कर दिया था. इसके बाद शारदा अपने मायके चली गई और वहीं रहने लगी. इधर नारायण बहुत लंबे वक़्त तक जेल में ही रहे थे. बाद में नारायण का कुछ पता नहीं लगने के बाद शारदा की दूसरी शादी करा दी गई थी.
दिलचस्प बात यह रही कि दूसरी शादी से शारदा के बेटे भार्गवन ने अपनी मां को उनके पहले पति नारायणन से मिलवाने का फैसला किया. वहीं 8 साल बीत जाने के बाद सन् 1954 में नारायणन को जेल से रिहा कर दिया गया था. उनके पिता की जानलेवा हमले के कारण मौत भी हो चुकी थी. नारायणन ने भी जेल से निकलने के बाद दूसरा विवाह कर लिया था. शारदा के बेटे को अपनी मां उनकी पहली शादी के बारे में सब कुछ पता था और वह चाहता था कि वे एक बार दोनो मिल ले. भार्गवन को नारायण के कुछ रिश्तेदारों का पता था. इन्हीं रिश्तेदारों से भार्गवन तक यह खबर पहुंची थी कि नारायण अभी भी जिंदा है फिर जाकर शादी के 72 वर्ष बाद शारदा और नारायण मिले और कुछ समय साथ में बिताया.