SDO और SDM में से कौन सा पद है सबसे ऊंचा? यहाँ जानिए किसकी पॉवर है कितनी
सरकारी नौकरी की तलाश हर और लगी हुई है. देश के नौजवानों में सरकारी नौकरी की बहुत होड़ देखी भी गई है. ऐसा ही एक पद है SDO और SDM का जिसमे प्रत्याशी खासा उत्साह दिखाते है. आइए जानते है इनमें क्या अंतर होते हैं. आज हम आपको इन दोनों के बारे में बताएंगे क्योंकि आपने बहुत बार लोगों को दोनों के अंतर में सोचते देखा होगा. यह दोनों सुनने में एक ही पद जैसे लगते हैं लेकिन इनके बीच बहुत ही अंतर है तो आइए हम आपको विस्तार से जानते है.
कौन होता है SDO ?
SDO एक सरकारी नौकरी की पोस्ट है जो पुलिस डिपार्टमेंट से लेकर विद्युत डिपार्टमेंट तक सब में होती है. लगभग देश के हर जिले और हर डिपार्टमेंट में एक SDO होता है. दरअसल देश में कोई भी डिपार्टमेंट को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए उन्हें कई राज्यों में बांटा जाता है, और हर राज्य को कई जिलों में बांटा जाता है और हर डिपार्टमेंट का काम विस्तार रूप से किया जाता है. जिसे उपविभाग कहते हैं और जो इस व्यवस्था को सुचारु रुप से और जो पूरी तरह से संभालता है उसे सब डिविजनल ऑफिसर या उप-विभागीय अधिकारी कहा जाता है.
क्या होता है SDM ?
SDM सभी राज्यों के हर जिले में अलग-अलग होता है. SDM को पूरे जिले की व्यवस्था की जिम्मेदारी रखनी पड़ती है. इन्हें उप-प्रभागीय न्यायाधीश कहा जाता है. इन्हें जिला की व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियुक्त किया जाता है. इन्हें टैक्स इंस्पेक्टर कलेक्टर मजिस्ट्रेट सशक्त करते हैं. एक SDM की जिम्मेदारी समस्त सब डिविज़न की देखरेख करने से लेकर सभी जमीनी मामलों के विवादों और बटवारो को निपटारे की होती है.
SDO और SDM में ये है अंतर
SDO हर डिपार्टमेंट में अलग-अलग नियुक्त किए जाते हैं. यह तहसीलदार के प्रमुख होते हैं. इन्हें उपविभागीय अधिकारी कहा जाता है. भूमि राजस्व संहिता की शक्ति का उपयोग करता है. सब डिविज़न के मुख्य सिविल अधिकारी को रखा जाता है. इन्हीं सिविल अधिकारी को सरकार के विभिन्न विभागों जैसे पानी, बिजली, इंजीनियरिंग, डाक विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, MES में नियुक्त किया जाता है.
SDM पूरे जिले जिले की व्यवस्था की जिम्मेदारी रखते हैं. एसडीएम की संख्या एसडीओ से हमेशा ज्यादा होती है. इन्हें उप प्रभागीय न्यायधीश कहा जाता है. यह कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करते हैं. इस भूमिका में CRPC के निवारक अनूप विभागों के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखते हैं. एसडीएम राजस्व निरीक्षकों, पटवारी और तहसीलदारों के राजस्व कर्मचारियों के प्रमुख होते हैं और जो क्षेत्र स्तर के राजस्व गतिविधियों और उत्परिवर्तन में शामिल हैं. एसडीओ SDO(अनुविभागीय राजस्व अधिकारी) का काम राजस्व संबंधी निगरानी करना है. यदि किसी मामले में सजा अथवा फैसला सुनाना हो तो वही एसडीएम SDM (अनुविभागीय दंडाधिकारी) हो जाता है.