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मामूली टीचर का काम करते हुए दिव्या गोकुलनाथ ने कमाए हज़ारों करोड़ रुपए, कुछ ऐसी है इनकी सफलता की कहानी

ऐसा कहा जाता है कि अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो उसको अपनी मंजिल मिल ही जाती है। इस दुनिया में कामयाबी तो हर कोई पाना चाहता है परंतु कामयाबी के रास्ते में आने वाली कठिनाई के आगे ज्यादातर लोग हार मान जाते हैं, जिसकी वजह से वह अपने जीवन में सफल नहीं हो पाते हैं।

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कामयाबी पाने के लिए हर परेशानी का सामना करते हुए आगे बढ़ते जाते हैं। लगातार कोशिशों और मेहनत से ही कामयाबी हासिल होती है। अगर आप कोई काम कर रहे हैं और उसमें आपको तरक्की हासिल करनी है तो निरंतर आपको अपने काम पर ध्यान देना होगा और लगातार मेहनत करते रहना चाहिए।

चाहे कितने भी उतार-चढ़ाव क्यों ना आए। आप लगातार कोशिश करते रहें, आपको एक ना एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी। आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत तो एक शिक्षक के तौर पर की थी परंतु आज उनका नाम देश की दूसरी सबसे कम उम्र की धनवान के रूप में लिस्टेड है।

इतना ही नहीं बल्कि इस महिला के काम और नाम का इतना रुतबा है कि फोर्ब्स मैगजीन ने भी उन पर एक लेख प्रमुखता छापा है। इस महिला ने टीचर का काम करते हुए इतना पैसा कमा लिया कि वह दुनिया भर में छा गई हैं। हर तरफ आज उनके नाम और काम की ही चर्चा होती है।

दरअसल, आज हम आपको जिस महिला की सफलता की कहानी बता रहे हैं उनका नाम दिव्या गोकुलनाथ (Divya Gokulnath) है। जिन्होंने महज 34 वर्ष की आयु में ही हजारों करोड़ो रुपए की संपत्ति बना ली है। दिव्या गोकुलनाथ बेंगलुरु की रहने वाली हैं। उनके पिताजी एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर हैं। वहीं उनकी माताजी दूरदर्शन में नौकरी करती हैं।

दिव्या गोकुलनाथ अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। इसी वजह से उनके पिताजी यह चाहते थे कि उनकी बेटी खूब पढ़-लिखकर किसी अच्छे पद पर पहुंच जाए। दिव्या गोकुलनाथ ने विज्ञान की फील्ड से पढ़ाई की है और आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बॉयोटेक्नोलॉजी में बीटेक की डिग्री प्राप्त की।

जब दिव्या गोकुलनाथ ने बीटेक की डिग्री हासिल कर ली तो उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने की तैयारी में जुट गईं। इसी बीच उनकी मुलाकात बायजू रविंद्रन से हुई और उन्होंने दिव्या को ट्यूशन पढ़ाना चालू किया था।

इसके बाद किसी फिल्मी स्टाइल में उन दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी और रविंद्रन ने उन्हें टीचिंग फील्ड में ही और अच्छा करने की सलाह दी। इसके बाद दिव्या ने एक टीचर बनने का फैसला कर लिया और विदेश जाने का आईडिया ड्रॉप कर उन्होंने बेंगलुरु में ही शिक्षिका बनकर एक जॉब पकड़ ली।

आपको बता दें कि उस समय के दौरान दिव्या की उम्र महज 22 वर्ष की थी और वह दिखने में खुद ही एक स्टूडेंट की तरह नजर आती थीं। इसके बाद वह खुद को अपनी उम्र से बड़ा दिखा सके इसके लिए उन्होंने साड़ी पहनकर टीचिंग क्लास लेना शुरू कर दिया था ताकि वह अपने स्टूडेंट्स से बड़ी लगने लगें। वह उस समय बच्चों को गणित पढ़ाया करती थीं।

दिव्या बच्चों के माता-पिता और अध्यापकों को सिर्फ एक ही बात बोलती थीं कि गणित के प्रति बच्चों में पैदाइशी डर नहीं होता। वह कहती थीं कि जीवन के रोजमर्रा के कामों की तरह से बच्चों को भी गणित से जोड़ना चाहिए ताकि वह इस सब्जेक्ट को कठिन ना समझें, वह इस विषय को आसानी से समझ पाएं।

आपको बता दें कि बहुत ही जल्द दिव्या और बायजू रविंद्रन विवाह के बंधन में बंध गए। इसके बाद रविंद्रन और दिव्या ने एक ऑनलाइन टीचिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की, जिसका नाम रखा गया बायजू और फिर दोनों ने साल 2011 में शुरू किए गए अपने इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की। कुछ ही समय में उनका ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तरक्की करता गया और 10 सालों के अंदर ही दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन टीचिंग प्लेटफार्म की श्रेणी में शामिल हो गया।

मौजूदा समय में दिव्या गोकुलनाथ इस कंपनी Byju की को-फाउंडर हैं और उनके पति रविंद्रन फाउंडर के पद पर हैं। अब सफलता का आलम यह है कि बिजनेस मैगजीन forbs ने अपने हाल ही के अंक में दिव्या गोकुलनाथ को भारत की दूसरी सबसे कम उम्र की अमीर महिला का खिताब दिया है। अपनी मेहनत और जज्बे से दिव्या ने 34 साल की उम्र में यह खिताब अपने नाम किया है। बता दें कि दिव्या गोकुलनाथ की कुल संपत्ति 3.05 अरब डालर यानि के 22.3 हजार करोड़ रुपये है।

 

 

 

 

 

 

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