झीलों के शहर में दिव्यांका त्रिपाठी मना रही हैं जन्मदिन, पति विवेक के साथ कुछ ऐसे मिली जिंदगी की खुशियां
हर कोई अपना जन्म दिन खास बनाना चाहता है और एक अच्छा समय जन्म दिन वाले दिन बिताना चाहता है. टीवी एक्ट्रेस भी अपने जन्मदिन को खास बनाने के लिए कुछ न कुछ करती है. और आज यानि 14 दिसंबर को दिव्यांका का जन्मदिन है. जिसके लिए दिव्यांका त्रिपाठी दहिया और विवेक दहिया झीलों के शहर उयदपुर पहुंचे हैं. दिव्यांका के 36वें जन्मिदन का सेलीब्रेशन मनाने के लिए ये जोड़ा उदयपुर गया हैं.
दरअसल अपने इस शानदार वेकेशन और सेलीब्रेशन की फोटोज और वीडियोज़ विवेक और दिव्यांका सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट कर रहे हैं. उदयपुर विवेक और दिव्यांका की फेवरेट हॉलीडे डेस्टिनेशन में एक हैं. ये कपल शादी के बाद अपना हनीमून मनाने के लिए भी यहीं गया था. एक बार फिर उदयपुर पहुंचकर दोनों खुश हैं. दोनों की शादी को चार साल से ज्यादा समय हो गया है. डेटिंग के दिनों से लेकर अब तक दोनों का रिश्ता मजबूत हुआ है.
हालाँकि एक समय था जब दिव्यांका मानसिक और भावनात्मक तौर पर बेहद टूट चुकी थी. वो समय था 2015 का, जब दिव्यांका और टीवी एक्टर शरद मल्होत्रा का ब्रेकअप हुआ था. एक टीवी रिएलिटी शो में दिव्यांका ने खुद कबूला था कि शरद के साथ अपने रिश्ते को बचाने के लिए उन्होने काफी कोशिशें की. वह अंधिविश्वास में भी यकीन करनी लगी. लेकिन फिर उन्होने इस रिश्ते से हार मान ली.
फिर 2016 में दिव्यांका की मुलाकात ‘ये हैं मोहब्बतें’ के सेट पर विवेक से हो गई. दिव्यांका के टूटे दिल के ज़ख्मों को प्यार से भरने में विवेक ने हेल्प की जिसके बाद 8 जुलाई 2016 को दोनों ने शादी कर ली. विवेक के साथ अपने रिश्ते को दिव्यांका ने बेहद समझादी के साथ मजबूत किया हुआ है. और कुछ बातों , का ध्यान दिव्यांका हमेशा रखती हैं. दिव्यांका विवेक को अपनी ताकत समझती हैं और इसका क्रेटिड भी विवेक को देती है दिव्यांका बोलती हैं कि शादी के बाद विवेक ने उनका पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में पूरा सहयोग किया. वो हमेशा उन्हें आगे बढ़ाने में हेल्प करते हैं.
बता दें इसके साथ ही दिव्यांका समझती हैं कि ‘झूठ’ मजबूत से मजबूत रिश्ते को भी बिगाड़ कर रख सकता है. इसलिए वह कभी विवेक से झूठ नहीं बोलती. साथ ही अगर दोनों के बीच झगड़ा भी हो जाता है तो वह रात को सोने से पहले ही इस झगड़े को खत्म कर विवेक को मना लेती हैं. दिव्यांका मानती हैं कि विवेक ने ही उन्हें कॉन्फिडेंट बनाया हुआ है.
साथ ही विवेक उनकी जिंदगी में साकारात्मकता भी लाए हैं. दिव्यांका छोटी-छोटी चीज़ों में अपनी खुशियां ढ़ूंढ़ लेती हैं. दिव्यांका को खुश करने के लिए किसी मेहंगे गिफ्ट की ज़रुरत नहीं पड़ती हैं. और दिव्यांका की यही आदत विवेक को सबसे ज्यादा पसंद आती है.