कलयुग के दानवीर कर्ण बने अरविंद गोयल, सिर्फ रखा एक घर, जीवनभर की कमाई 600 करोड़ गरीबों को कर दी दान

आज भी दुनिया का सबसे बड़ा दानी दानवीर कर्ण को माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि स्नान करने के पश्चात कर्ण से जो भी भिक्षा में मांगा जाता था वह उसे दे देते थे। लेकिन आज हम आपको महाभारत के कर्ण की नहीं बल्कि कलयुग के कर्ण के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, आज हम आपको एक ऐसे दानवीर के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपने जीवन भर की कमाई गरीबों को हंसते-हंसते दान कर दी।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले उद्योगपति डॉ. अरविंद कुमार गोयल की, जिनकी आज देश में खूब चर्चा हो रही है। अरविंद कुमार गोयल ने अपने जीवनभर की कमाई करीब 600 करोड़ रुपए हंसते-हंसते गरीबों को दान कर दी है। ऐसा कोई दूसरा उदाहरण दूर-दूर तक नहीं दिखता, जहां एक व्यक्ति ने जीवनभर कड़ी मेहनत से सैकड़ों करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया, फिर उसे एक पल में दान कर दिया।

अरविंद गोयल ने यह दान राज्य सरकार को दिया है, जिसका इस्तेमाल गरीबों की मदद के लिए होगा। उन्होंने अपने पास सिर्फ मुरादाबाद सिविल लाइंस स्थित कोठी रखी है। लेकिन अब लोगों के जहन में एक सवाल अभी भी खटक रहा है कि आज के इस दौर में एक तरफ आम लोग अपनी कमाई के हजार रुपए भी किसी को दान करने से पहले हजार बार सोचते हैं। वहीं दूसरी तरफ मुरादाबाद के इस दानवीर ने अपनी 600 करोड़ की संपत्ति दान कर दी। आखिर इन्हें अपनी संपत्ति दान करने की प्रेरणा कहां से मिली।

इस घटना से कलयुग के दानवीर बनने की मिली प्रेरणा

ऐसा बताया जा रहा है कि आज से 25 साल पहले हुई भीषण ठंड के बीच ट्रेन सफर के दौरान हुई एक घटना ने डॉ. अरविंद कुमार गोयल को कलयुग के दानवीर बनने की प्रेरणा मिली। अपनी 600 करोड़ की संपत्ति दान करने का ऐलान करने के बाद डॉ. अरविंद कुमार गोयल ने मीडिया को बताया कि उनको इस कार्य को करने की प्रेरणा कहां से मिली। उन्होंने बताया कि 25 साल पहले ही अपनी सारी संपत्ति दान करने का फैसला ले लिया था।

डॉ. गोयल ने उस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दिसंबर का महीना था और वह ट्रेन से कहीं जा रहे थे। उन्होंने देखा कि सामने एक आदमी ठंड से ठिठुर रहा है। उसके पास ना कोई कंबल था, ना पैरों में चप्पल। डॉ. गोयल ने आगे कहा कि मैंने उसे अपने जूते दे दिए। लेकिन ठंड की वजह से मेरी भी हालत खराब हो गई।

उन्होंने बातचीत करते हुए आगे बताया कि उस रात मैंने सोचा कि इस भारत में कितने लोग ऐसी भीषण ठंड से ठिठुरते होंगे। तब मैंने गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करने की कोशिश शुरू की।

संपत्ति दान करने के लिए जिला प्रशासन को लिखी चिट्ठी

डॉ. गोयल ने बताया कि रोजाना मेरी ओर से हो रही थोड़ी थोड़ी मदद लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट की वजह बन रही थी, तो दूसरी तरफ इसी के चलते मैंने काफी तरक्की की है। उन्होंने कहा कि इस जीवन का कोई भरोसा नहीं है इसलिए मैं अपने जीवित रहते अपनी संपत्ति सही हाथों में सौंप रहा हूं ताकि यह किसी जरूरतमंद के काम आ सके। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी संपत्ति दान करने के लिए जिला प्रशासन को खत लिखा है।

फैसले में पत्नी और बच्चों का भी समर्थन

आपको बता दें कि डॉ. अरविंद कुमार गोयल के परिवार में उनकी पत्नी रेणु गोयल के अलावा उनके दो बेटे और एक बेटी है। उनके बड़े बेटे मधुर गोयल मुंबई में रहते हैं। छोटा बेटा शुभम प्रकाश गोयल मुरादाबाद में रहता है और अपने पिता को समाज सेवा और बिजनेस में मदद करता है।

आपको बता दें कि डॉ. अरविंद कुमार गोयल का बंगला मुरादाबाद के सिविल लाइंस में है। सोमवार की रात उन्होंने अपनी 600 करोड़ की संपत्ति दान करने का ऐलान कर दिया है, जिसके बाद पूरे शहर में उनकी चर्चा तेज होने लगी, जिसके बाद मंगलवार सुबह से ही लोग उनके बंगले पर जमा होने लगे। डॉ. अरविंद कुमार गोयल ने बताया कि उन्होंने अपना सब कुछ दान कर दिया है, बस उन्होंने अपने पास अपना बंगला रखा है।

राष्ट्रपति से हो चुके हैं सम्मानित

डॉ. गोयल पहले से ही समाज सेवा के कार्यों को लेकर प्रसिद्ध हैं। उनकी मदद से देशभर में पिछले 20 साल से सैकड़ों वृद्धा आश्रम, अनाथालय और मुफ्त स्वास्थ्य केंद्र चलाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि उनकी मदद से चल रहे स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा भी दी जा रही है। डॉ. गोयल को उनके सामाजिक कार्यों के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सम्मानित कर चुके हैं।

क्रांतिकारी माता-पिता के बेटे हैं डॉ. गोयल

डॉ. गोयल के पिता प्रमोद कुमार गोयल और मां शकुंतला देवी स्वतंत्रता सेनानी थे। यही नहीं उनके बहनोई मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। डॉ गोयल के दामाद सेना में कर्नल और ससुर जज रह चुके हैं।