शादी से पहले दूल्हे का कट गया पैर फिर भी दुल्हन ने उसी के संग लिए फेरे, लोग बोले- सबको मिले ऐसी जीवनसंगिनी
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, मनुष्य के जीवन की परिस्थितियां कभी भी एक समान नहीं होती हैं। कभी जीवन में सुख आता है, तो कभी दुख का सामना करना पड़ता है। जीवन में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जब अपने भी साथ छोड़ देते हैं। कभी-कभी तो असल जिंदगी की कहानियां फिल्मों को भी मात देती है। इसी बीच आज हम आपको उत्तर प्रदेश की एक युवती की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने ऐसी मिसाल पेश की है कि जानकर आप भी उसकी तारीफ करने लगेंगे।
आप सभी लोगों ने विवाह फिल्म तो देखी ही होगी? अगर आपने देखी है तो आपको इस फिल्म की कहानी तो याद होगी। इस फिल्म में जब शादी के ऐन मौके से पहले ही घर में आग लग जाती है, जिसकी वजह से अभिनेत्री अमृता राव का शरीर आग से झुलस जाता है लेकिन इसके बावजूद भी अभिनेता शाहिद कपूर उसके साथ उसी हालत में अस्पताल में ही शादी करता है। कुछ ऐसी ही कहानी हरदोई में घटित हुई है, जहां के रहने वाले आदित्य की शादी 12 मई को लखीमपुर खरी जिले की रहने वाली सरोजिनी से होनी थी।
लेकिन शादी से पहले एक हादसे में आदित्य घायल हुए और उनकी जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उसकी एक टांग काटनी पड़ गई। जब यह बात और रिश्तेदारों को मालूम हुई, तो रिश्तेदारों में खुसर-फुसर शुरू हो गई और कुछ ने तो शादी का विरोध भी किया। वहीं सरोजिनी भी आदित्य से ही शादी करने को लेकर अड़ गई। सरोजिनी बोली कि “मैं उन्हें से शादी करूंगी, अगर शादी के बाद ऐसा होता तो क्या करते?” उसकी इन बातों का किसी के पास कोई जवाब नहीं था। इसके बाद पूरे रीति रिवाज से दोनों की शादी करवाई गई।
शादी से पहले दूल्हे का कटा पैर
आपको बता दें कि हरदोई के हन्न पसिगवां गांव के आदित्य की शादी लखीमपुर खीरी जिले के पसगवां थाना क्षेत्र के गांव जमुका की सरोजिनी से पक्की हुई थी। सरोजिनी कक्षा 8 पास है, उसके पिताजी का नाम रामशंकर है, जो खेती करते हैं। उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है। पिता, दादी-बाबा ने पालन पोषण किया। सरोजिनी के दो छोटे भाई हैं। पिछले साल जून में तिलक हो गया था। इस साल 12 मई को शादी थी।
इधर आदित्य के पिता कलक्टर भी किसान हैं। इसके साथ ही वह एक छोटा टेंट हाउस चलाते हैं। आदित्य चार भाई, चार बहन हैं। भाइयों में तीसरे नंबर के आदित्य टेंट हाउस संभालते हैं। आदित्य के पिता कलक्टर बताते हैं कि एक अप्रैल की देर रात गांव से जहानीखेड़ा जाते समय किसी अज्ञात वाहन ने आदित्य की बाइक को टक्कर मार दी। वह घायल हो गया। शाहजहांपुर ले गए और फिर वहां से लखनऊ। लखनऊ में 4 अप्रैल को पैर की प्लास्टिक सर्जरी हुई। लेकिन इंफेक्शन फैल गया। आदित्य की जान बचाने के लिए घुटने से उसकी टांग काटनी पड़ी।
धूमधाम से कराई शादी
जब आदित्य के साथ यह हादसा हुआ तो उसके बाद परिवार के साथ ही सरोजिनी का परिवार भी बेहद दुखी था। आदित्य की टांग कटने की खबर मिलते ही रिश्तेदारी की महिलाओं में खुसर पुसर शुरू हो गई। महिलाएं कहने लगी कि जब टांग ही कट गई तो लड़का कैसे कमाएगा और लड़की को कैसे खुश रखेगा। जब यह बातें सरोजनी तक पहुंची तो वह अड़ गई। इस बारे में जब सरोजिनी से पूछा गया तो उसने साफ कह दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए वह आदित्य से ही शादी करेगी। अगर शादी के बाद यह हादसा होता तो क्या करते। किसी के पास जवाब नहीं था। दोनों परिवारों ने बात की और 12 मई को परिवार वालों ने धूमधाम से आदित्य से ही सरोजिनी की शादी करवा दी।